अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : दो मंत्रियों की आपसी खींचतान की वजह से ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के तोड़फोड़ विभाग के दोनों जोनों का बेड़ागर्क हो चुका हैं, तोड़फोड़ के इन विभागों में कोई एसडीओ व कनिष्ठ अभियंता रहना ही नहीं चाहता, जो लोग हैं वह कुछ कर नहीं पाते हैं। इस कारण से ओल्ड जोन के इलाके में अवैध निर्माणों का कारोबार धड़ल्ले से बखूबी जारी हैं पर इन निर्माणों को रोकने के लिए तोड़फोड़ विभाग के दोनों जोनों में पिछलें कई महीनों से बिल्डिंग इंस्पेक्टर हैं ही नहीं। ऐसे में इलाके में चल रहे अवैध निर्माणों को कौन रोकेगा, तोड़ना तो दूर की बात हैं।
ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के दोनों जोनों में नहरपार व सूरजकुंड इलाकें में बिल्डरों द्वारा अवैध रूप से बनाएं जा रहे निर्माणों को एसडीओ व बिल्डिंग इंस्पेक्टरों को एक मंत्री कहता हैं उस निर्माणों को तोड़ दो, जबकि दूसरा मंत्री कहता हैं उस निर्माणों को छोड़ दो, इसी खींचतान में इस तोड़फोड़ विभाग के एसडीओ व बिल्डिंग इंस्पेक्टर इतना जाएदा परेशान हो गए, की ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के तोड़फोड़ विभाग के पहले जोन में पिछलें कई महीने से दोनों ही पद खाली पड़े होने के बाद, उस जोन में एसडीओ के पद पर एक एसडीओ विनोद सिंह आया पर उसके पास बिल्डिंग इस्पेक्टर सहित एक भी कर्मचारी नहीं था, उस एसडीओ पर मंत्रियों, पार्षदों व आमजनों का इतना जाएदा काम का दवाव था कि वह चाहते हुए भी किसी भी समस्या का समाधान नहीं कर पाता था और वह इस कारण से लम्बें छुट्टी पर चला गया जब वह वापिस आया तो उस एसडीओ का तबादला किसी और वार्ड में हो चूका था।
इसके बाद उस स्थान पर एसडीओ पदम् भूषण को लगाया गया हैं। बातचीत के दौरान एसडीओ पदम् भूषण का कहना हैं कि उनके पास बिल्डिंग इंस्पेक्टर व सहयोगी कर्मचारी भी नहीं हैं। ऐसे में वह अकेला क्या कर पाएगें जहां तक उनसे बन पाता हैं वह कर रहे हैं, इसी प्रकार दूसरे जोन के एसडीओ जीतराम का कहना हैं कि उनके पास भी पिछलें दो महीनों से बिल्डिंग इंस्पेक्टर नहीं हैं ऐसे में बिल्डरों द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माणों को कैसे रोका एंव तोडा जाएगा। आपको जानकारी हेतु बतादें कि ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त का अतिरिक्त चार्ज सीटीएम सतबीर मान के पास हैं और इस संबंध में जब बातचीत करने के लिए उनसे फोन पर संपर्क किया गया पर उन्होनें एक बार भी अपना फोन नहीं उठाया। ऐसे में समझ सकतें हैं कि नगर निगम विभाग इन दिनों किस दौड़ से गुजर रही हैं जिन अधिकारीयों के पास फोन उठाने का वक़्त नहीं हैं ऐसे में वह नगर निगम को कैसे चलाएगें। इस नगर निगम का तो भगवान ही भला करेंगा हैं।