अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:नगर निगम आयुक्त जितेंद्र दहिया ने बताया कि शहर से प्रतिदिन निकलने वाले करीब 800 मीट्रिक कूड़े के अस्थाई तौर पर निस्तारण के लिए चार अलग-अलग स्थान निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि रिवाजपुर गांव में बनाए जाने वाले अस्थाई डंपिंग यार्ड के लिए गांव के मौजिज लोगों की कमेटी के साथ 13 मई को मीटिंग आयोजित की गई थी। मीटिंग में अतिरिक्त उपायुक्त अपराजिता, डीसीपी सेंट्रल पूजा वशिष्ठ, डीसीपी क्राईम मुकेश मल्होत्रा, संयुक्त आयुक्त शिखा आंतिल व नगर निगम के अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा गाँव रिवाजपुर से नाहर सिंह चौहान, माला चौहान, हरि दत्त, गाँव नाचोली से पारस भारद्वाज, गांव टिकावली से हरी किशोर, गांव महावतपुर से कंवर सिंह सरपंच, गांव बादशाहपुर से वैभव, गांव देहा से रामकुमार यादव, गांव पलवली से राम कुमार, गांव शेरपुर से जनक, गांव ददसिया से कुलदीप त्यागी, गांव बादशाहपुर से रोहतास नागर, गांव को भूपानी से कुसुम, गांव पलवली से परमार्थि, गांव महावतपुर से रवि चौहान, गांव टिकावली से कृष्ण पाल, गांव शेरपुर से राहुल डागर, गांव महावतपुर से हेमंत, सहित अन्य लोग मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि इस मीटिंग से पहले 11 व 12 मई को एसीपी स्तर के अधिकारियों की पुलिस व निगम के अधिकारियों की संयुक्त सात टीमें बना कर आस-पास के गांवों में लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया था। इसके बाद ग्रामीणों की सहमति पर 13 मई को नगर निगम कार्यालय में मीटिंग का आयोजन किया गया।उन्होंने बताया कि 13 मई की मीटिंग में सभी ग्रामीणों से अनुरोध किया गया कि यह डंपिंग साईट सिर्फ 15 महीने के लिए अस्थाई तौर पर शिफ्ट की जा रही है। जब तक बंधवाड़ी में वेस्ट एनर्जी प्लांट नहीं लग जाता जोकि माननीय एनजीटी के आदेश की पालना में एक साल के अंदर लग जाएगा और गीला कूड़े का निस्तारण सात दिन में ही कर दिया जाएगा। वेस्ट और सूखा कूड़ा छटनी के बाद बंधवाड़ी वेस्ट एनर्जी प्लांट के लिए भेज दिया जाएगा। बंधवाड़ी का कूड़ा किसी भी रूप में रिवाजपुर नहीं आएगा।उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को यह स्पष्ट किया गया था कि यहां सिर्फ एक जोन अर्थात 200 मीट्रिक टन ही कूड़ा आएगा। मीटिंग के दौरान गांव के निवासी व सेव फरीदाबाद फाउंडेशन के सदस्य पारस भारद्वाज ने कहा कि कूड़ा डलने से वायु व जल प्रदूषण होगा। इस पर निगमायुक्त ने बताया कि यहां प्लांट सिर्फ 15 महीने के लिए लगेगा। इस कूड़े का सही ढंग से डिस्पोजल किया जाएगा। इसके लिए पक्का प्लेटफार्म बनेगा और यहां से निकलने वाले गंदे पानी को वाटर टैंकर के जरिए एसटीपी तक ले जाया जाएगा। इस पानी को ट्रीट (शोधन) करने की व्यवस्था भी होगी। इसके साथ ही आस-पास पौधारोपण किया जाएगा और डंपिंग साईट की डबल दीवार की जाएगी। इस पर ग्रामीणों ने सहमति भी जताई थी। गांव के निवासी व कमेटी के सदस्य रोहताश ने यहां स्कूल या पार्क बनाने की मांग रखी। इस पर निगमायुक्त ने कहा कि यह जमीन गांव की भलाई के लिए है और 15 माह बाद यहां जो ग्रामीण चाहेंगे वही किया जाएगा। इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये की राशि भी उन्होंने विकास कार्यों के लिए नगर निगम की तरफ से मंजूर करने का आश्वासन दिया।इसके अलावा ग्रामीणों ने वहां मच्छरों की समस्या पैदा होने की बात कही। इस पर निगमायुक्त ने कहा कि नगर निगम फौगिंग मशीनें खरीद रही है। इन सभी गांव में अलग से फॉगिंग मशीनें दी जाएंगी। इसके लिए ग्रामीणों व नगर निगम की एक कमेटी बनाई जाएगी।इसके बाद ग्रामीणों ने बताया कि डंपिंग यार्ड तक जाने वाली सडक़ गांव के बीच से गुजरती है। इस पर निगमायुक्त ने दूसरे रास्ते के विकल्प के बारे में जानकारी मांगी। इस पर ग्रामीणों ने कहा कि गांव के साईड से दूसरा रास्ता है अगर उस पर एक किलोमीटर की सड़क़ बनाई जाए तो कूड़े के डंपरों को गांव के बीच से नहीं आना पड़ेगा। इस पर निगमायुक्त ने कहा कि इसी रास्ते को बनाकर डंपिंग यार्ड के डंपरों के लिए प्रयोग किया जाएगा। गांव के बीच से कोई भी ट्रक नहीं गुजरेगा। इसके साथ ही आस-पास के तीन किलोमीटर में पड़ने वाले प्रत्येक गांव में दो करोड़ रुपये के विकास कार्य भी करवाने के लिए निगमायुक्त ने सहमति दी।इस मीटिंग में ग्रामीणों ने कहा कि वह अगले पांच दिन में कम से कम आठ एकड़ की दूसरी साईट देखकर बताएंगे। यह जमीन प्राइवेट हो या सरकारी वह बगैर विरोध के वहां डंपिंग यार्ड का काम होने देंगे। इसके साथ ही ग्रामीणों ने यह आश्वासन भी दिया कि वह प्रशासन का पूरे कार्य में सहयोग करेंगे। मीटिंग में नगर निगम कमिश्नर के आश्वासन से संतुष्ट होकर ग्रामीणों ने कहा कि अगर वह 5 दिन में कोई भी जगह नहीं ढूंढ पाए तो बिना किसी विरोध के डंपिंग स्टेशन वहीं बनने देंगे।
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