अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की तानाशाही रवैए के कारण दर्जनों लोग रात के अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। इस विभाग केअधिकारी बिजली कनेक्शन देने के नाम पर सिर्फ लोगों को गुमराह करने का काम किया हैं। यदि ये लोग संबंधित अधिकारी को उनके मुताबिक जेब में सूविधा शुल्क दे देते तो गलत रास्ते से भी इन लोगों को बिजली के कनेक्शन दे दिए होते। जैसा की इस विभाग ने दुर्गा बिल्डर, सेक्टर-91 के ब्लॉक डी व ए के सैकड़ों मकानों में कनेक्शन दे चुके हैं। जबकि इसी में जे ब्लॉक हैं जिनमें कनेक्शन लेने के लिए लगभग एक साल से लोग बिजली विभाग व डीटीपी विभाग के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। अब तो बिजली के नए कनेक्शन लेने वालों के चप्पल भी घीस गए पर इन लोगों को अभी तक बिजली का एक भी कनेक्शन नहीं दिया गया हैं।
इस मामले में बिजली विभाग के एसई नरेश कक्कड़ का कहना हैं कि दुर्गा बिल्डर -सेक्टर -91 के जे ब्लॉक में वह बिजली कनेक्शन नहीं दे सकते हैं। क्यूंकि इसमें इलेक्ट्रिक प्लान की जरुरत हैं। जो कालोनीनाइजरों को देना हैं। उसके बिना बिजली का कनेक्शन देना संभव नहीं हैं। सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि डी व ए ब्लॉक में बिजली के कनेक्शन किसने दी और किस आधार पर दिए, पर बोले की ये तो उन्हें नहीं मालूम। मेरे पास लोग कनेक्शन के लिए आए थे पर मैंने इलेक्ट्रिक प्लान के लिए आगे लिख दिया हूँ।
बतादें कि दुर्गा बिल्डर, सेक्टर -91, फरीदाबाद में लगभग 1500 प्लाट हैं पर इसका कलोनिनाइजर के भाग जाने के बाद ये मामला विवाद में तब्दील हो गया और ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। इसमें से 492 प्लाट को सुप्रीम कोर्ट ने क्लियर वर्ष-1999 में कर दिया। वर्ष-2013 में सुप्रीम कोर्ट ने क्लियर किए गए 492 प्लाटों में मकान बनाने की इजाजत दे दी। इस के लिए डीटीपी विभाग को नक्शा व कंप्लीशन जारी करने का आदेश दे दिया। डीटीपी ने भी जो मकान बने हैं उसके लिए नक़्शे जारी कर दिए और कई लोगों को तो कंप्लीशन भी दे दिए।
खबर के मुताबिक क्लियर किए गए 492 प्लाटों में तीन ब्लॉक हैं,असल वह ब्लॉक ए, डी व जे ब्लॉक हैं। इन ब्लॉकों में बिजली -पानी की समस्याएं अब भी बरक़रार हैं। बताया गया हैं कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने दुर्गा बिल्डर , सेक्टर -91, फरीदाबाद के डी व ए ब्लॉक में तो बिजली के कनेक्शन तो दे दिए, अब उनके घरों में बिजली खूब जल रहीं हैं। जबकि जे ब्लॉक के लोग रात के अंधेरे में रहते हैं। निकिता चानना पत्नी सुमित चानना, जगदीश राय, लक्ष्मण मोरिया, सोनिया गर्ग, अनीता गुप्ता, सोरण प्रकाश गुप्ता, राजवंती, दिनेश गुप्ता, संदीप गुप्ता, लाजवती, प्रेमलत्ता, शिखा कपूर ,शिल्पा मंगला, कुसुम चावला,शशि मंगला , सुनीता सिंह , जगदीश राय व सीपी सिंह का कहना हैं कि हम सब के प्लाट जे ब्लॉक में हैं और बाकयदा उन्होनें डीटीपी कार्यालय से नक्शा पास करवा कर रहने के लिए मकानें बना ली हैं और अब तो कई लोगों के पास कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी हैं पर इन मकानों में अभी तक बिजली नहीं हैं। उनका कहना हैं कि पिछले एक सालों से बिजली के कनेक्शन के लिए संयुक्त रूप से बिजली विभाग के एसडीओ ,पल्ला के कार्यालय से लेकर एसई कार्यालय तक के चक्कर काट रहे हैं। एक बार तो बिजली विभाग के अधिकारियों ने 8 लाख 21 हजार 196 रूपए की स्टीमेंट बना दी फिर लोगों ने आपस में पैसा इकठ्ठा करके जमा करवाने की कोशिश की, फिर बिजली विभाग के अधिकारी ने पैसा जमा करने से साफ़ माना कर दिया।
इसके बाद एसई प्रदीप चौहान ने इन लोगों को भरोसा दिया जे ब्लॉक में बिजली तो जलेगी और जल ही जलेगी। इस बाबत उन्होनें नए सिरे से फिर से स्टीमेट बनवाया इसमें कई महीने लग गए। वह स्टीमेट था 64 लाख 87 हजार 279 रूपए का हैं। इस स्टीमेंट को एसडीओ , पल्ला बनाया और कार्यकारी अभियंता ने भी पास करके एसई प्रदीप चौहान के पास पहुंच गई। प्रदीप चौहान को इस स्टीमेट को आगे चीफ इंजिनियर को भेजना था और चीफ इंजिनियर को आगे सीएमडी शत्रुजीत कपूर के पास अप्रूवल के लिए भेजना था। इस बीच में फरीदाबाद में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लग गई और उनका स्टीमेंट एसई प्रदीप चौहान के टेबल पर अटक गई। जब फिर से इन लोगों ने मेहनत करना शुरू किया तो एसई प्रदीप चौहान का तबादला हो गया। इसके बाद नए एसई नरेश कक्क्ड़ ने पदभार संभाल लिया। इन लोगों का कहना हैं कि वह लोग नए एसई नरेश कक्कड़ से भी मिले तो सबसे पहले उन्होनें कहा कि ऐसे स्टीमेट नहीं बनता हैं। इसको नए सिरे से देखेगें। अब उनकी फाइल को पेंडिंग में डाल दिया हैं। ऐसे उन्हें समझ में नहीं आ रहा हैं कि वह लोग बिन बिजली -पानी के जिंदगी कैसे गुजारेंगे ।
पानी बिन उनकी जिंदगी नरक बन कर रह गई हैं। उनका कहना हैं कि पहले ही पहले ही बिजली विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों को जेब भर देते तो ब्लॉक डी व ए की तरह उनके जे ब्लॉक में भी बिजली दे दी जाती और वह लोग भी खुश रहते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल हमेशा कहते हैं कि प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त हैं। ये कैसा मुक्त हैं। एक ही जगहों पर तीन ब्लॉक हैं उसमें से दो ब्लॉकों में बिजली जल रही हैं और एक ब्लॉक में बिजली बिन अंधेरा हैं। पीड़ित लोगों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की हैं कि यह खेल उनके साथ बिजली विभाग के लोग क्यों खेल रहे हैं। जब वह लोग पैसा सिस्टम से देने को तैयार हैं फिर उनके जे ब्लॉक में क्यों नहीं दी जा रही हैं बिजली। जो लोग गलत तरीके से ब्लॉक डी व ए में बिजली के कनेक्शन दिए हैं वह भी सुविधा शुल्क लेकर। उनके खिलाफ सीएम फ़्लाइंग व स्टेट विजिलेंस से जांच करवा कर सभी आरोपित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर, आरोपित अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके साथ इन्साफ किया जाए ताकि उनके घरों में भी बिजली जल सकें।