अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: जे.सी.बोस विश्वविद्यालय वाईएमसीए के संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग के ‘दृश्य’ क्लब ने बी.एससी.विज़ुअल कम्युनिकेशन के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए “अपने डेटा को जीवंत बनाएं: इंटरएक्टिव बनाम स्टेटिक विज़ुअलाइज़ेशन” विषय पर एक मास्टर क्लास का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने जटिल जानकारी को सरल एवं संवादात्मक ढंग से प्रस्तुति के गुर सीखे। कार्यशाला का आयोजन विभागाध्यक्ष डॉ.पवन सिंह के मार्गदर्शन एवं समन्वयक डॉ.सोनिया हूडा एवं डॉ.राहुल आर्य की देखरेख में संपन्न हुआ। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल की प्रोफेसर और एचआरडीसी उप-निदेशक डॉ.अनीता सोनी ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की।डॉ.अनीता सोनी ने सबसे पहले डेटा विज़ुअलाइज़ेशन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दृश्य सामग्री के माध्यम से जानकारी को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है। जिसका मानव मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है। जहाँ पाठ आधारित जानकारी का समावेश 20 प्रतिशत तक सीमित होता है, वहीं दृश्य सामग्री 65 फीसदी तक की जानकारी को मस्तिष्क में लंबे समय तक संचित करने में सक्षम होती है।उन्होंने छात्रों को स्टेटिक और इंटरएक्टिव डेटा विज़ुअलाइज़ेशन के बीच अंतर समझाया। स्टेटिक विज़ुअलाइ ज़ेशन जैसे पाई चार्ट और बार चार्ट में डेटा स्थिर रहता है और यह सरल होते हैं, जबकि इंटरएक्टिव विज़ुअलाइज़ेशन में उपयोगकर्ता डेटा को संशोधित कर सकता है, जिससे संवाद को अधिक प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ.पवन सिंह ने अपने संबोधन में डिजिटल युग में डेटा के प्रभावी उपयोग को सफलता की कुंजी का आधार बताया। उन्होंने कहा डेटा अब मात्र संख्याओं का खेल नहीं, बल्कि एक सशक्त कहानी कहने का माध्यम है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस कार्यशाला से प्रेरित होकर छात्र अपने सृजनात्मक कार्यों में नई ऊँचाइयों को छूएंगे। इस मास्टर क्लास से विद्यार्थियों ने सीखा कि कैसे वे जटिल जानकारी को भी सरल और संवादात्मक ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं जिससे न केवल उनकी तकनीकी दक्षता बढ़ेगी बल्कि वे नैतिकता के साथ सही तथ्यों को सामने रख सकेंगे।
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