
फरीदाबाद : ग्रीन फील्ड कालोनी में अवैध गेट का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा हैं। अब वहां के लोगों ने कालोनी के अवैध गेटों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया हैं जिसे जल्द ही हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय ,राज्य पाल सत्यदेव नारायण व राष्टपति रामनाथ कोबिंद को भेजा जाएगा और अवैध गेटों से होने वाले दिक़्क़तों से उन्हें अवगत कराया जाएगा। इससे पहले शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री, अर्बन इम्प्रूवमेंट प्राइवेट लिमिटेड, डिप्टी कमिश्नर अतुल कुमार द्विवेदी व डीटीपी इंफोर्स्मेंट के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारीयों को चंडीगढ़ में शिकायत दिए जा चुके हैं पर प्रशासनिक अधिकारीयों और यूआईसी के द्वारा कार्रवाई में लापरवाही बरते जाने के बाद यह हस्ताक्षर अभियान चलाया गया हैं। इस प्रकरण में डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार का कहना हैं कि इस बारे में उन्होनें यूआईसी को काफी पहले पत्र लिख चुके हैं उस पत्र में साफ़ तौर कहा गया की कानूनी नियमों के हिसाब से यूआईसी अपनी कार्रवाई करे पर यूआईसी अभी तक अपनी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की हैं और अपने जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहीं हैं। डा. निर्मल सिंह राणा का कहना हैं कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया गया तो आने वाले लोकसभा चुनाव में वोट न डालने का फैसला लिया हैं का जिम्मेवार जिला प्रशासन व यूआईसी होगा, ऐसे में सैकड़ों वोट बेकार हो जाएंगे।
डा. निर्मल सिंह राणा का कहना हैं कि उनके सड़क नंबर -126 व 17 के पास वहीँ के कुछ लोगों ने बड़े ही चतुराई और दबंगई दिखा कर अवैध गेट बना लिए जिसके के कारण सड़कों परिवार के लोगों को इन गेटों से दिक्कतें होने लगी हैं। इन खुले गेटों पर लोहे के जबरन गेट लगा कर बंद किए जाने से वहां के सड़कों परिवार के लोगों को काफी दिक्कत्तों का सामना करना पड़ता हैं। उनका कहना हैं कि गेटों के बंद होने के कारण छोटे -छोटे बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने में घरेलु महिलाओं को लम्बी दूरी तय करना पड़ता हैं। इसके अलावा गेट नंबर 17 के सामने शॉपिंग कॉम्पलेक्स हैं जहां जरुरत के सामानों के खरीदने आना जाना पड़ता था जोकि इस अवैध गेट लगने के कारण शॉपिंग मॉल से खरीदारी करना भी बंद हो गया हैं। उनका कहना हैं कि इस ग्रीन फिल्ड कालोनी में ज्यादा त्तर लोग नौकरी करने वाले लोग जिन्हें अपने कार्यालय में समय पर पहुंचना होता हैं जोकि कई बार ऐसे जरा सा लेट होने पर सड़क पर भाग रहे होते है इन हालतों में इस खुले के गेट पर अवैध गेट लगा कर हमेशा के लिए बंद कर देना यह कैसा इन्साफ हैं।
उनका कहना हैं कि इस घटना क्रम की शिकायत उन्होनें पिछले दिनों पुलिस कमिश्नर संजय कुमार, डिप्टी कमिश्नर अतुल कुमार , मुख्यमंत्री कार्यालय , डीटीपी इंफोर्स्मेंट इसके अलावा कई वरिष्ठ अधिकारीयों को चंडीगढ़ में की थी पर उनकी शिकायत पर न तो डीटीपी इन्फ़ोर्मेंट ने अभी तक कोई कार्रवाई की नाही यूआईसी कंपनी ने की हैं। उनका कहना हैं कि शुरूआती दौर में डीटीपी इंफोर्स्मेंट ने कहा था कि यह कार्रवाई यूआईसी करेंगी और उन्होनें उन्हें बाकयदा पत्र भी इस बारे में कार्रवाई करने हेतु लिख दिया हैं। वावजूद इसके कार्रवाई न होने से नाराज लोगों ने जिला प्रशासन व यूआईसी के खिलाफ हस्ता क्षर अभियान चलाया गया हैं जिसमें अभी तक तक़रीबन 80 लोगों के हस्ताक्षर कराए जा चुके हैं. को हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय व राष्टपति रामनाथ कोबिंद को जल्द ही भेजा जाएगा। वावजूद इसके सम्बंधित विभाग के लोगों को कोर्ट में जवाब देना होगा। उनका कहना हैं कि हस्ताक्षर अभियान के बाद उन लोगों के नाम की लिस्ट बनाई जाएगी जिन लोगों ने अवैध गेटों के नाम पर पैसे दिए हैं, जिसने बनाई हैं को भी कोर्ट में जवाब देना होगा की गलत कार्य आखिर पैसे एकत्रित क्यों किए हैं। 


