उन्होंने कहा कि पांच सालों से यह किसान हर सप्ताह धरने-प्रदर्शन करके इस आस में बैठे है कि कब उन्हें मुआवजा मिले, ऐसा कोई सप्ताह नहीं जा रहा, जब यह सभी जिला उपायुक्त या अन्य अधिकारियों के कार्यालय न जाते हो। मुआवजा ने मिलने से किसी की बेटी की शादी रुकी पड़ी है तो किसी को घर बनवाना है अथवा किसी को बीमारी का इलाज करवाना है। आखिर इन किसानों को मुआवजा कब मिलेगा। इस पर प्रदेश के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने विधायक नागर को जवाब देते हुए बताया कि तिगांव क्षेत्र के 19 गांवों की 1029 एकड़ की बजाए कुल 1647.20 एकड़ भूमि का अर्जन किया गया। अपर जिला न्यायाधीश की अदालत द्वारा 882.63 करोड़ रुपये की राशि के मुआवजे की बढ़ोतरी की गई, जिसमें से 209.78 करोड़ रुपये की राशि भूमि मालिकों को वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि भूमि मालिकों/राज्य सरकार द्वारा दायर अपीलें अभी तक उच्च न्यायालय/सर्वाेच्च न्यायालय में निर्णय हेतु लंबित है। बकाया बढ़े हुए मुआवजे की राशि अदायगी मामलों के निर्णयों के बाद किया जाएगा। मंत्री के आश्वासन के बाद विधायक ललित नागर ने स्पष्ट किया कि जब तक किसानों को उनका मुआवजा नहीं मिल जाता, तब तक वह उनकी आवाज बनकर संघर्ष करते रहेंगे।