अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
सूरजकुंड (फरीदाबाद): 37 वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला केवल हस्तशिल्प व कला कृतियों के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है अपितु यहां पर स्थापित चौपालों पर हर रोज दिनभर देश व विदेश के विख्यात कलाकार अपनी कला के हुनर का प्रदर्शन करते हुए देखे जा सकते हैं। चौपाल कलाकारों के हुनर को प्रदर्शित करने का एक अच्छा मंच है। मेले की बडी चौपाल व छोटी चौपाल के नजदीक से गुजरने वाले पर्यटक कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शन को देख व सुनकर उनकी ओर जाने से अपने आप को रोक नहीं पाते हैं।
मंगलवार को भी देश व विदेश के आर्टिस्टों ने छोटी चौपाल पर अपनी शानदार प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। घाना के कलाकारों ने अपने देश को आजादी मिलने पर मनाई गई खुशहाली को गीत व नृत्य का संगम बनाकर प्रदर्शित करके छोटी चौपाल पर रंग जमा दिया। महाराष्ट्रीयन कलाकारों ने लावणी, राजस्थानी कलाकारों ने चकरी डांस, हरियाणवी व उड़ीसा के कलाकारों ने लोक नृत्य, गुजरात की ब्रह्मपुरी के कलाकारों ने श्री कृष्ण रास, आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने लजादी नृत्य, गुजराती कलाकारों ने राठवा नृत्य की अपनी शानदार प्रस्तुति से सभी पर्यटकों को मंत्र मुक्त कर दिया।
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