अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मानव सेवा समिति के तत्वाधान में देवउठनी एकदशी को जनकल्याण मंदिर सैक्टर-7 में जरूरतमंद 5 बालिग कन्याओं का सामूहिक विवाह आयोजित किया गया। जिसमें सभी जोड़ों को 7 फेरों की रस्म के बाद एक 8वां फेरा भ्रूण हत्या न करने के वचन का कराया गया। इस अवसर पर शहर के दानी व समाजसेवियों ने विवाह समारोह में शामिल होकर कन्यादान-महादान के संकल्प के साथ कन्यादान किया और वर-वधु को उनके मंगलमय भविष्य की कामना के साथ आर्शीवाद दिया।
सभी 5 दुल्हों की बारात समिति के कार्यालय मानव भवन से बेन्ड-बाजे के साथ सैक्टर 7-10 मार्केट से होते हुए विवाह स्थल जनकल्याण मंदिर सैक्टर -7 में पहुंची जहां विधि विधान से रवि संग ज्योति, अनिल संग हिना, रूपेश संग मोना, नीरज संग संगीता और मुकेश संग ममता के सामूहिक फैरों की रस्म पूरी की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिवालिक प्रिंटस् के चैयरमेन नरेन्द्र अग्रवाल ने भाग लिया। विशिष्ठ अतिथि के रूप में शामिल हुए लायन्स क्लब इन्टरनैशनल जिला 321 ए-1 के गर्वनर बी एस शर्मा ने कहा कि समिति द्वारा जरूरतमंद भाई-बहनों की सेवा सहायता में चलाये जा रहे दर्जनों सेवा प्रकल्पों के द्वारा समाजहित में सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं और समिति हर साल देवउठनी एकादशी पर जरूरतमंद कन्याओं की शादी करके जो पुण्य कार्य करती है यह सबसे बड़ी समाजसेवा है। विवाह समारोह में प्रमुख समाजसेवी एमएल शर्मा , राकेश गुप्ता, वीरेन्द्र अरोड़ा, आई सी जैन, सुनील अग्रवाल, एस के जैन, राजकुमार बंसल, आर पी हंस, कुलदीप अग्रवाल सहित लायन एस के गोयल, अनिल अरोड़ा, रमेश बंसल, राकेश गुप्ता, रवि बोहरा ने भाग लेकर समिति की आर्थिक मदद की और वर वधु को अपना आर्शीवाद प्रदान किया।
समिति की महिला सैल की चैयरमेन उषा किरण शर्मा व उनकी टीम की सदस्य राज राठी, रमा सरना, सीमा मंगला, रेनू चतरथ, सुनीता बंसल, समिति के अध्यक्ष पवन गुप्ता, चैयरमेन अरूण बजाज, मुख्य संयोजक कैलाश शर्मा, चैयरमेन प्रोजेक्ट गौतम चैधरी, महासचिव सुरेन्द्र जग्गा, कोशाध्यक्ष राजेन्द्र गोयनका, एस सी गोयल, डा प्रवीण गर्ग, सचिव बांके लाल सितोनी, कैदारनाथ अग्रवाल, बी आर सिंघला, महेश अग्रवाल आदि ने सभी जोड़ों व समारोह में षामिल अतिथिओं का फूल माला, सम्मान पट्टिका, स्मृृति चिन्ह व शाल पहनाकर उनका स्वागत व अभिनंदन किया। एक जोड़े के 25 लोगों को नाश्ता व भोजन कराया गया। समिति की ओर सभी जोड़ों को घर गृृहस्थी का पूरा सामान कन्यादान के रूप में दिया गया।