अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : जिला नगर योजनाकार इंफोर्स्मेंट की कोताही बरतने के कारण ग्रीन फील्ड कालोनी के बिल्डरों के होसलें बुलंद हैं जिसके कारण आमजनों को लूटने के लिए बिल्डरों के द्वारा तरह -तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं। अधिकारीयों की अनदेखी की वजह से प्रत्येक ग्राहक लाखों रके निचे आ जाते हैं पर इन सब बातों का किसी को कोई परवाह नहीं हैं, खासतौर पर सम्बंधित विभाग को। इस मामले में जिला नगर योजनाकार इंफोर्स्मेंट का कहना हैं कि सुरेंद्र भड़ाना के द्वारा दी गई शिकायत की सर्वें कराई जा रहीं हैं और इनमें से कई बिल्डरों को नोटिस दे दी गई हैं पर उन अवैध निर्माणों को कब तोड़ेगें, इस बारे में उन्होनें कोई जिक्र नहीं किया।
सुरेंद्र भड़ाना ने डीटीपी इंफोर्स्मेंट कार्यालय में बीते 6 अप्रैल को एक ग्रीन फील्ड कालोनी में चल रहे अवैध निर्माणों के खेल के बारे में बिल्डरों के खिलाफ शिकायत दी थी जिसमें 73 प्लॉटों पर अवैध रूप से बन रहे बच्चा फ्लेट के बारे में अवगत गया हैं जिनमें ग्रीन फील्ड कालोनी के ए ब्लॉक में 37, बी ब्लॉक में 34 व सी ब्लॉक में 8 फ्लैट हैं।
उनका कहना हैं कि जिन जिन प्लॉटों पर बने स्टील पार्किंग में जो अवैध रूप से बच्चा फ्लैट बनाएं गए हैं ,उनके नंबर . इस प्रकार हैं :- ब्लॉक ए में 1566,2297,2407, 1572, 1990, 2345, 2500, 1590 , 2325, 2907, 2467, 1598, 1711, 2172, 2835, 2447, 2446, 1750, 2204, 2839, 2373, 1955, 2266, 2801, 2380, 1961, 2268, 2767, 1933, 2241, 2528, 1935, 2245, 2533, बी ब्लॉक में 10, 127, 1254, 4120, 45, 273, 389, 275,367, 282,1317,378, 300, 1395, 380, 561 ,1372, 430, 493, 4082, 435, 725, 325, 756, 4078, 358 938 4127 ,126, 4116 , 4120 , सी ब्लॉक में 3507, 3524,3315, 3323 ,3302 व 3044 हैं।
उनका कहना हैं कि इस शिकायत को एक महीनें से कहीं जाएदा बीत चुके हैं, वावजूद इसके जिला नगर योजनाकार इंफोर्स्मेंट के कार्यालय के द्वारा अभी तक तो कोई कार्रवाई नहीं की गई जिसके कारण यहां के बिल्डरों के होसलें बुलंद हैं और स्टील पार्किंग स्थलों पर अवैध रूप से धड़ल्लें से बच्चा फ्लैट बना कर ग्राहकों को लूट रहे हैं जोकि जिला नगर योजनाकार इंफोर्स्मेंट कार्यालय की मिलीभगत को दर्शाता हैं। उन्होनें जिला प्रशासन से मांग की हैं कि जिन -जिन बिल्डरों ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए स्टील पार्किंग में बच्चा फ्लैट बनाएं गए हैं उन सभी को तुरंत प्रभाव से जल्द से जल्द तोड देना चाहिए और बिल्डरों के खिलाफ साजिश के तहत धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
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