अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: रामनवमी के शुभ अवसर पर महारानी वैष्णो देवी मंदिर तिकोना पार्क में भगवान श्री राम तथा मां सिद्धिदात्री की भव्य पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर फरीदाबाद की पूर्व मेयर सुमन बाला ने मंदिर में पहुंचकर मां के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई। इस अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने पूर्व मेयर को माता को चुनरी भेंट की तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर संजय वाधवा, प्रीतम धमीजा,फकीरचंद, नीरज, बलजीत, बलवीर सिंह तथा प्रदीप झांब विशेष रूप से उपस्थित थे। श्रीमती सुमन बाला ने मां के दरबार में पूजा अर्चना करते हुए कहा कि वह प्रतिदिन पूजा अर्चना करती हैं। भगवान एवं माता रानी की पूजा करने से मनुष्य को विशेष आत्मबल की प्राप्ति होती है तथा उनकी मनोकामना भगवान अवश्य पूरी करते हैं।
इस अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने श्रद्धालुओं को बताया कि नवरात्रों के नौवें दिन जहां माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है, वहीं यह दिन इसलिए भी बेहद खास हो जाता है कि नवरात्रों के नौवें दिन को भगवान श्री राम के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्रीराम की भी इस दिन भव्य पूजा अर्चना की जाती है। भाटिया ने भगवान राम के साथ साथ माता सिद्धिदात्री की महिमा का बखान करते हुए बताया कि मां की सवारी शेर है और वह अपने दाहिने हाथ में गदा तथा चक्र और बाएं हाथ में कमल का फूल व शंख धारण किए रहती हैं। उनका ग्रह केतु है, यानी कि मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों को केतु ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते हैं।
मां को शुद्ध देसी घी से बने हलवा पूरी अति प्रिय है और उनका शुभ रंग गुलाबी है। भाटिया ने बताया कि शक्ति की सर्वोच्च देवी माँ आदि-पराशक्ति, भगवान शिव के बाएं आधे भाग से सिद्धिदात्री के रूप में प्रकट हुईं। माँ सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करती हैं। यहां तक कि भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की सहायता से अपनी सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। माँ सिद्धिदात्री केवल मनुष्यों द्वारा ही नहीं बल्कि देव, गंधर्व, असुर, यक्ष और सिद्धों द्वारा भी पूजी जाती हैं। जब माँ सिद्धिदात्री शिव के बाएं आधे भाग से प्रकट हुईं, तब भगवान शिव को अर्धनारीश्वर का नाम दिया गया। माँ सिद्धिदात्री कमल आसन पर विराजमान हैं।
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