अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : एनआईटी में स्थित डेज़ी पब्लिक स्कूल और जिला शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही के चलते दसवीं कक्षा के तीस बच्चों का भविष्य आज उस समय दाव पर लग गया जब बच्चो को परीक्षा के पहले पेपर वाले दिन रोल नंबर नहीं मिले जिस पर स्कूली बच्चो और उनके परिजनों ने सोहना रोड जाम कर दिया और कई बच्चे तो सड़क पर लेट गए. बाद में पता चला की यह स्कूल मान्यता प्राप्त ही नहीं है, इस बात की पुष्टि उस वक्त हुई जब मौके पर पुलिस और शिक्षा विभाग की अधिकारी वहां पहुंची। लेकिन तब तक स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर वहां से भाग चुके थे, मौके पर पहुंचे इलाके के समाजसेवियो ने इसे जहाँ स्कूल द्वारा की गई चीटिंग बताया। वहीँ, जिला शिक्षा विभाग पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि जिले में चल रहे अनऑथराइज्ड स्कूलों का शिक्षा विभाग को क्यों नहीं पता लगा, लोगो का कहना था कि बच्चो का एक साल जो खराब हो रहा है उसका जिम्मेवार कौन होगा है। सड़क पर लेटकर और जाम लगाते प्रदर्शन करते दिखाई से रहे यह स्कूली बच्चे डेज़ी पब्लिक स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र है जिन्हे आज न तो उनके रोल नंबर मिले और ना ही उन्हें एक्जाम सेंटर के बारे में जानकारी दी गई .जब छात्रों ने स्कूल प्रशासन से जवाब माँगा तो प्रिंसिपल समेत पूरा स्टाफ वहां से रफूचक्कर हो गया।
गौरतलब है कि आज हरियाणा बोर्ड का दसवीं का पहला पेपर था जिसके लिए कल से डेज़ी पब्लिक स्कूल के छात्रो ने स्कूल प्रशासन से अपने रोल नंबर मांगने शुरू कर दिए पर स्कूल ने उन्हें आज सुबह तक के लिए टाल दिया। लेकिन आज सुबह भी जब बच्चो को रोल नंबर और एग्जाम सेंटर की जानकारी नहीं मिली तो उनकी दिलो की धड़कने तेज हो गयी. यही नहीं स्कूल प्रशासन स्टाफ के साथ भाग गया. इस पर बच्चो ने और अभिवावको ने सोहना रोड पर जाम कर दिया। छात्रों ने बताया कि उनसे हरियाणा बोर्ड से एग्जाम के लिए फ़रवरी में ही फीस जमा करवा ली गई थी यहाँ तक की बच्चो से दस से बीस हजार रूपये उन्हें पास करने की गारंटी देकर वसूल लिए गए और आज उनका पहला पेपर था लेकिन उन्हें ना तो रोल नंबर मिला और ना ही परीक्षा केंद्र के बारे में बताया गया. हालांकि रोड जाम को देखते हुए इलाके की पुलिस और जिला शिक्षा अधिकारी सतेंन्द्र कौर मौके पर पहुंच गई और जांच करने की बात कहने लगी वहीँ इसी दौरान मीडिया का कैमरा देख जिला शिक्षा अधिकारी आनन फानन में बिना कोई जवाब दिए वहां से चली गयी लेकिन सवाल उठता है की जिला शिक्षा विभाग की जिम्मेवारी बनती है की गैरमान्यता प्राप्त स्कूल जिले में किसकी शय पर चल रहे है जिसके चलते आज तीस बच्चो का भविष्य दाव पर लग गया और अब इसका ज़िम्मेवार कौन होगा।
प्रदेश में चल रहे हरियाणा बोर्ड के एक्जामों के दौरान आज फरीदाबाद में डेजी पब्लिक स्कूल का प्रधानाचार्य 10 वीं कक्षा के अंग्रेजी के पेपर को दिलवाने से पहले ही स्कूल पर ताला लगाकर भाग गया था जिसके बाद बच्चों ने रोड जाम कर दिया, मौके पर पहुंची जिला शिक्ष अधिकारी सतेन्द्र कौर वर्मा ने पूरे मामले की जांच की तो पता चला कि स्कूल मान्यता प्रात्त नहीं था जिसका केस कोर्ट में विचाराधीन था जिसका फेंसला आज करीब डेढ बजे आया जिसके बाद बच्चों को भिवानी बोर्ड से रोल नम्बर दिलवा दिए गए हैं, जिससे अब बच्चे 10 वीं कक्षा के एक्जाम निरंतर दे पायेेंगे, और आज स्कूल की गलतियों के चलते छूटा अंग्रेजी का पेपर अब बोर्ड के एक्जामों को खत्म होने के बाद दिलवाया जाएगा,फिलहाल जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।