अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:जे.सी.बोस विश्वविद्यालय वाईएमसीए के संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग द्वारा स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर देशभक्ति से ओतप्रोत ‘मैं भारत बोल रहा हूं’ की प्रस्तुति ने अविस्मरणीय अनुभव जाग्रत किया। भारत की आजादी के दौर की गुमनाम कहानी के बारे में मीडिया विद्यार्थियों द्वारा एक विशेष शृंखला का आयोजन किया गया जिसकी शुरुआत अगस्त क्रांति अर्थार्थ 9 अगस्त से शुरू होकर समापन 15 अगस्त के एपिसोड के साथ होना है। देश की आजादी में शहादत देने वाले वीर क्रांतिकारियों, आजादी की लड़ाई में लंबे समय तक संघर्ष करने वाले देशभक्तो के बलिदान का विशेष योगदान रहा। आंदोलन के गुमनाम जाबांजों से आमजन को परिचित कराने के उद्देश्य को लेकर इस अनौखी पहल की शुरुआत की।
संचार एवं मीडिया तकनीकी विभागाध्यक्ष डॉ.पवन सिंह के मार्गदर्शन में इस विशेष मुहिम की शुरुआत हुई। डॉ.पवन सिंह ने मीडिया विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि इस मुहिम से शहीदों को नमन एवं युवाओं में देशभक्ति का भाव जागृत करना मुख्य उद्देश्य है। हमें अपने अधिकारों के साथ देश समाज के प्रति हमारा कर्तव्य भी हमे स्मरण रहना चाहिए। इस एपिसोड का आयोजन प्रॉडक्शन सहायक पंकज सैनी और वरिष्ठ प्रशिक्षक दुष्यंत त्यागी की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। तकनीकी टीम में भावना कुमार ,विस्तृत गुप्ता, पलक तिवारी, अंजलि, नीलम, शिवांजलि का विशेष योगदान रहा। पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की छात्रा कनिष्का मिश्रा द्वारा ‘मैं भारत बोल रहा हूं’ के प्रथम एपिसोड में आजादी से पहले की अनसुनी कहानी बताई गयी। द्वितीय एपिसोड में स्नातकोत्तर के विद्यार्थी हेमंत शर्मा ने क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा,पत्रकारिता में स्नातक की छात्रा हिमांशी चौधरी ने मां भारती के मुक्ति आंदोलन में अंग्रेजों को गोली से अपने प्राण न्यौछावर करने वाली वीरांगनाओं मातंगिनी हाजरा और ऊषा मेहता के बारे में चर्चा की गई। आने वाले एपिसोड में तनिष्का नंदा द्वारा आजादी के समय पत्रकारिता की भूमिका, आगामी एपिसोड में पत्रकारिता में स्नातक के विद्यार्थी धीरेन सिंह द्वारा सबसे कम उम्र में शहीद होने वाले बाल स्वतंत्रता सेनानी बाजी राउत के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी।
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