अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:हरियाणा के पलवल में सरपंच ने एक दलित महिला द्वारा पुलिस में की गई छेडछाड की शिकायत से नाराज होकर जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। घटना पलवल के घोडी गाँव की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर शव का पोस्टर्माटम बी.के अस्पताल में करा कर, परिजनों को सौंप दिया । वहीं सरपंच की मौत पर शोक जताने पहुंचे पलवल से कांग्रेस के विधायक कर्ण दलाल ने कहा है बीेजेपी ने लोगों के काम धंधे चौपट कर दिए है जिसके चलते लोग आए दिन आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं और घोडी गांव के सरपंच राजेन्द्र ने पता नहीं किस हालात में आत्महत्या की है लेकिन ईलाके में रोज लोग मर रहे हैं। वहीं उन्होनें स्वास्थ्य मंत्री अनील विज पर भी प्राईवेट अस्पताल के मालिकों से मिलीभगत होने का आरोप लगाया।
फरीदाबाद के बी.के अस्पताल में खडे दिखाई दे रहे पलवल के विधायक एंव गांव घोडी के रहने वाले लोग हैं जो कि गांव के सरपंच राजेन्द्र का शव लेने का इंतजार कर रहे हैं। पलवल पुलिस की मानें तो गांव घोडी के सरपंच राजेन्द्र ने एक महिला द्वारा दी गई शिकायत को लेकर अपनी जीवन लीला का अंत किया है। असल में गांव घोडी में रहने वाली एक दलित महिला ने एक दिन पहले ही पुलिस में शिकायत दी थी कि गांव का सरपंच राजेन्द्र उनके घर में घुस गया और उसके साथ छेडछाड की । पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू ही की थी कि आज सुबह राजेन्द्र ने जहरीला पदार्थ खा लिया। परिजन उपचार के लिए राजेन्द्र फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में लेकर आए लेकिन उसने दम तोड दिया। पुलिस ने अब परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच की बात कही जा रही है।
वहीं,फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल में राजेन्द्र की मौत पर पहुंचे पलवल से कांग्रेस के विधायक ने सरपंच की मौत पर सीधे तौर पर बीजेपी सरकार को दोषी करार दिया है। दलाल का कहना है कि बीजेपी ने लोगों के काम धंधे चौपट कर दिए हैं जिससे लोग आत्महत्या करने को मजबूर है। उन्होंने सरकारी अस्पताल के डाक्टरों पर भी प्राईवेट अस्पतालों से सांठ गांठ कर बीमारी के नाम पर लोगों को लूटने का आरोप लगाया है। कर्ण दलाल ने स्पष्ट कहा है कि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनील विज की प्राईवेट अस्पतालों के मालिकों के साथ मिले हुए हैं। किसी भी बिमारी का ईलाज सरकारी अस्पतालों में नहीं किया जा रहा है । सरकारी अस्पतालों से नवजात शिशु उठाए जा रहे हैं।वहीँ कारन दलाल का इस मौके पर आया ये बयान साबित करता है की मातम हो या फिर खुशी लेकिन नेताओं को तो अपनी राजनीति चमकाने से मतलब है राजनेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए कोई मौका नहीं छोडते।