अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: कुछ माह पहले बडख़ल की विधायक के निवास पर प्रदर्शन करने गए ग्रीन फिल्ड कालोनी के लोगों के साथ उनके बच्चे भी थे पुलिस ने उन्हें साजिश के तहत बिजली अधिकारियों से उनकी समस्या सुलझवाने का वादा किया और उन्हें गाडिय़ों में बैठा लिया। उसके बाद थाने में ले जाकर उन्हें नंगा करके केवल कच्छे में हवालात में बंद कर दिया। जिसकी शिकायत हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी विजय कौशिक ने मानवाधिकार आयोग को करते हुए इस भ्रष्ट एसएचओ के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कहा।
श्री कौशिक की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर एसीपी गजेन्द्र कुमार ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। जिसमें मीडिया प्रभारी विजय कौशिक ने कहा कि ऐसा अमानवीय व्यवहार करने वाले भ्रष्ट एस.एच.ओ. को हरियाणा सरकार तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करे। जिसने मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए बिजली की समस्या से परेशान लोगों के साथ जघन्य अपराधियों की तरह व्यवहार किया और उनके बच्चों तक को यह बता दिया कि उनका बाप नंगे बदन रात भर हवालात में बंद रहा, जिससे उनके बच्चे भी अपने पिता से सवाल कर सकें कि आखिर वे किस अपराध में रात भर नंगे बदन हवालात में बंद रहे थे।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी विजय कौशिक ने ग्रीन फिल्ड कालोनी के पीडि़त लोगों से आग्रह करते हुए कहा है कि वे लोग अपने ऊपर हुए इस जुल्म के खिलाफ सामने आएं और एसीपी के समक्ष भ्रष्ट एसएचओ के खिलाफ बयान दर्ज कराएं जिससे भविष्य में आम जनता के साथ गलत कार्य करने से पहले कोई भी भ्रष्ट एसएचओ 100 बार सोचे। श्री कौशिक ने यह भी कहा कि जब भाजपा नेता चुनाव में घर-घर वोटों की भीख मांगते हुए घूम रहे थे तब लोगों से कहते थे कि आप लोगों को कोई भी समस्या हो तो आधी रात भी उनके घर के दरवाजे जनता के लिए खुले हैं।
लेकिन यहां तो विधायक द्वारा अपने घर के दरवाजे ही जनता के लिए बंद कर लिए गए एवं विरोध प्रदर्शन करने पर एसएचओ द्वारा उन्हें मारा-पिटा गया और उन्हें नंगे बदन हवालात में बंद कर दिया गया। एक तरफ तो पुलिस प्रशासन इनेलो नेताओं एवं उनके कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का दावा करके उन्हें साथ की साथ रिहा कर देता है, दूसरी तरफ आम जनता अगर भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करती है तो उनके साथ इस तरह का अमानवीय सलूक किया जाता है। श्री कौशिक ने मीडिया एवं पत्रकारिता जगत से जुड़े सभी लोगों से आग्रह किया है कि इस संदर्भ में उनके पास जो भी सबूत हैं वे उन्हें उपलब्ध करा सकते हैं जिससे मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले एसएचओ के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही हो सके।