फरीदाबाद : मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने कड़ाके ठण्ड में असाहय लोग कंबल व शहर के हर नुक्क्ड़ पर रैन बसेरा बनाने के आदेश दिए हैं पर आज उनके अधिकारीयों ने झुग्गियों में रह रहे लोगों के झुग्गियों जान बुझ कर उजाड़ कर कड़ाके ठंडे में मरने के लिए छोड़ दिया। मुखयमंत्री मनोहर लाल खटटर का यह कैसा इंसाफ हैं। आज की इस कार्रवाई से बेघर हुए लोगों में नगर निगम के प्रति भारी रोष हैं,वही फरीदाबाद के हार्डवेयर चौक पर पिछले 50 सालों से रह रहे घुमन्तु जाति के कच्चे घरों पर नगर निगम ने बुल्डोजर से कुचल दिया जिसकी वजह से सैकड़ों लोग बेघर हो गए।
बताया गया हैं कि भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंची नगर निगम की जेसीबी मशीन ने अधिकारियों की मौजूदगी में जब अपना पीला पंजा चलाया तो चारों और हड़कंप मच गया. क्या महिलाएं क्या बुजुर्ग क्या बच्चे सब अपना आशियाना बचाते देखें गए. लेकिन हाई कोर्ट के स्टे ऑर्डर की कॉपी देखने के बावजूद अधिकारियों ने कोई रहम नहीं दिखाया। कई घरों को सर्दी के इस मौसम में नगर निगम ने पीला पंजा चलाकर ध्वस्त कर दिया। महिलाएं चिल्लाती रही लेकिन अफसरों ने उनकी एक ना सुनी। यही नहीं इस कार्यवाही में पुलिस ने बल प्रयोग भी किया और महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की भी हुई.
बड़खल विधानसभा के हार्डवेयर चौक पर पिछले 50 साल से बसे घुमन्तु जाति के लोगों के आशियाने आज नगर निगम ने अपना पीला पंजा चलाकर ध्वस्त कर दिए. हाई कोर्ट के स्टे आर्डर होने के बावजूद अधिकारियों ने इन लोगों की एक ना सुनी और पीला पंजा लगातार चलता रहा और गरीब लोगों के आशियाने उजड़ते रहे. महिलाएं चिल्लाती रही.घुमन्तु जाति के लोगों ने बताया कि वह पिछले 50 सालों से अपने आशियाने बनाकर मेहनत मजदूरी करके अपना गुजर बसर कर रहे हैं. यहां तक कि उनके आधार कार्ड वोटर आईडी , बिजली के मीटर सब लगे हुए हैं. इसके बावजूद हाईकोर्ट का स्टे दिखाने के बाद भी जबरन उनके आशियाने उजाड़ दिए गए. जबकि मौजूदा विधायक सीमा त्रिखा ने उन्हें पक्का करने का आश्वासन दिया था. लेकिन नगर निगम ने उनकी एक नहीं सुनी और सर्दी के मौसम में उन्हें खुले आसमान के नीचे मरने के लिए छोड़ दिया।
महिलाओं का कहना था कि अब वह सर्द रातों में अपने बच्चों को लेकर कहां जाएंगे और पीड़ित लोगों का कहना था कि इस एरिया में बड़ी – बड़ी बिल्डिंग अवैध रूप से बनायी गई है. इसलिए बड़े लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें उजाड़ा जा रहा है. यही नहीं इस कार्यवाही में पुलिस ने बल प्रयोग भी किया और महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की भी हुई. वही मौके पर पहुंचे ज्वाइंट कमिश्नर का कहना था की यह लोग नगर निगम की ज़मीन पर बसे हुए थे जिनसे ज़मीन खाली कार्रवाई जा रही है. लेकिन जब उनसे स्टे आर्डर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कागजात पूरे ना होने का बहाना बनाया। उनका कहना था की इन लोगो को अपने कागजात दिखाने के लिए बुलाया गया है और उन कागजातों को देखने के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी। ज्वाइंट कमिश्नर अमरदीप सिंह ने कहा कि जिन लोगों के पास स्टे आर्डर थे, उनके खिलाफ तोडफ़ोड़ की कार्रवाई नहीं की गई है। उन सभी को पहले सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा, उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।