अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा के बीच की असमानताओं को समाप्त करने की आवश्यकता है। रिकॉग्निशन का प्रायर लर्निंग के माध्यम से यह संभव है। इसके माध्यम से उद्योगों की उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है और इसमें कई समाधान निहित हैं। वह सीआईआई द्वारा आयोजित सम्मेलन में उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे।कुलपति डॉ. राज नेहरू ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के दोहरे एकीकृत मॉडल के बारे में उद्योग जगत की हस्तियों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में 50 से अधिक प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं और यह सब प्रोग्राम उद्योग के साथ एकीकृत हैं। इस नए मॉडल में क्लास रूम और इंडस्ट्री को नजदीक लाने का सफल प्रयास किया गया है।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि उद्योग में विशिष्ट योगदान देकर रोजगार को बढ़ावा देने वाली विभूतियों को डॉक्टरेट की उपाधि देने की पहल श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा की गई है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों को लाभान्वित करने के लिए विश्वविद्यालय के रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से भारतीय समाज में औपचारिक शिक्षा और अनौपचारिक शिक्षा के बीच व्याप्त असमानताओं को कम किया जा सकता है। हमारे समाज में बहुत बड़ा वर्ग है जिसके पास कुशल अनुभव है, लेकिन डिग्री नहीं है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने उनके अनुभव के आधार पर उन्हें मान्यता देकर डिग्री देने का प्रोग्राम शुरू किया है। इससे योजना से देश का ग्रॉस इनरोलमेंट रेशो भी बढ़ाया जा सकता है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि इससे न केवल अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा, बल्कि उद्योग के उत्पादन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। आरपीएल को अपनाने के लिए उन्होंने जेबीएम ग्रुप की सराहना की। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के पास एक बहुत बड़ा तंत्र है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में विश्व स्तरीय लैब हैं और अत्याधुनिक मशीनें हैं। उद्योग जगत अपनी चुनौतियों को लेकर आएं हम शोध के माध्यम से उनके समाधान को तत्पर हैं। सीआईआई हरियाणा के चेयरमैन विजय ढींगरा और सीआईआई गुरुग्राम जोन के चेयरमैन अनुज नागपाल और वाइस चेयरमैन विनोद वाजपेई ने कुलपति डॉ. नेहरू के वक्तव्य का स्वागत किया। सीआईआई के चेयरमैन विजय ढींगरा ने कहा कि कुलपति डॉ. राज नेहरू प्रतिभावान और विजनरी हैं। उनके प्रयासों से उद्योग जरूर लाभान्वित होगा।इइस अवसर पर उद्योगपति कुणाल सोनी, सुमित जैन, पूजा सुहाग, निखिल मिश्रा, विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, प्रोग्राम मैनेजर एसके आनंद, उप निदेशक अमीष अमेय, डॉ. वैशाली माहेश्वरी और अनिल जांगड़ा भी उपस्थित थे।
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