अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : कल रात विजय रामलीला के एतिहासिक मंच पर हुआ श्री राम को बनवास। प्रथम मन्थरा द्वारा कौकयी की बुद्धि हर लेने का दृश्य दिखाया गया जिसमें कैकयी बने नितिन शर्मा और मन्थरा बने वैभव लरोइया ने जम कर सम्वाद किया। अगले दृश्य में कोप भवन में बैठी कैकयी ने दशरथ से मांगे अपने दो वरदान। तीसरे दृश्य ने सबको भाव विभोर कर दिया जिसमें राम (सौरभ कुमार) ने कौशल्या (मनोज शर्मा) से ली विदाई। दशरथ की भूमिका में नज़र आए कमेटी के चेयरमैन सुनील कपूर।
जिनके अभिनय से दर्शकों की आंखे हुई नम। बनवास के मनोरम दृश्य को सजीव करने के लिए संगीत विभाग से विश्वबन्धु शर्मा द्वारा लिखा व गाया गया गाना दिन कभी ऐसे भी आएंगे ये मालूम न था, एक एक कर के बिछड़ जाएंगे मालूम न था, जिसने पधारे सभी दर्शकों के दिलो को मार्मिक कर दिया। अंतिम दृश्य में हुआ दशरथ का राम वियोग में स्वर्गवास। आज इसी मंच से भरत प्रसंग दिखाया जाएगा और होगा रावण द्वारा सीता हरण।