अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर ने केन्द्रिय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की एमएसएमई इनोवेशन स्कीम के माध्यम से 1 करोड़ 30 लाख रुपये का प्रतिस्पर्धी अनुदान हासिल करने में सफलता हासिल की है। इसके अलावा, एमएसएमई आइडिया हैकथॉन 3.0 फार वुमैन इनोवेटर्स के अंतर्गत इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा प्रस्तुत महिला इनोवेटर्स के दो व्यावसायिक अनुसंधान प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिली है। विश्वविद्यालय के आईपीआर, इनोवेशन, इनक्यूबेशन और स्टार्ट-अप (आईआईआईएस) डिवीजन, आरएंडडी प्रकोष्ठ के प्रभारी और समन्वयक डॉ. संजीव गोयल और डॉ. सपना तनेजा ने कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर को स्वीकृति अनुदान की प्रति प्रस्तुत की।
कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने सफल महिला इनोवेटर्स को उनके चयन के लिए बधाई दी और अनुदान हासिल करने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह वित्तीय सहायता विश्वविद्यालय के भीतर नवाचार गतिविधियों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी, जिससे विद्यार्थियों को उद्यमिता को एक व्यवहार्य कैरियर मार्ग के रूप में चुनने के लिए प्रेरणा मिलेगी।आईपीआर, इनोवेशन, इनक्यूबेशन और स्टार्ट-अप डिवीजन के प्रभारी डॉ. संजीव गोयल ने महिला इनोवेटर्स के लिए एमएसएमई आइडिया हैकथॉन 3.0 के अंतर्गत चयन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के आईआईआईएस डिवीजन को एमएसएमई आइडिया हैकथॉन 3.0 के लिए छात्राओं और महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई से कुल 36 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिनमें से 15 को शॉर्टलिस्ट किया गया और इन प्रस्तावों कोएमएसएमई मंत्रालय को भेजा गया। एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम की प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एंड एडवाइजरी कमेटी (पीएमएसी) की 7वीं बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों से स्वीकृत 397 विचारों में से, हरियाणा से केवल चार का चयन किया गया, जिनमें से दो जे.सी. विश्वविद्यालय से रहे, जो नवाचार के क्षेत्र में संस्थान की मजबूत स्थिति को दर्शाता हैं।योजना के तहत, इन्क्यूबेशन सेंटर को महिला इनोवेटर्स के अनुमोदित प्रस्तावों के विकास और पोषण के लिए प्रति आइडिया 15 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, बिजनेस इनक्यूबेटर में आवश्यक मशीनरी की खरीद, अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने और अन्य सामान्य सुविधाओं के लिए एक करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होंगी, जिससे विश्वविद्यालय में उद्यमशीलता विकास और नवाचार गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
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