अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विविध और व्यापक कैरियर अवसरों के लिए छात्रों को तैयार करने के दृष्टिगत जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा अंतःविषय पाठ्यक्रमों पर विशेष बल दिया जा रहा है। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विश्वविद्यालय ने आगामी शैक्षणिक सत्र से गणित एवं कंप्यूटिंग में बीएससी शुरू करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय हाल ही में हुई विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद की बैठक में लिया गया।
कुलपति प्रो. एस.के. तोमर, जोकि जाने-माने गणितज्ञ हैं, ने गणित विभाग द्वारा गणित एवं कंप्यूटिंग में अंतःविषय पाठ्यक्रम शुरू करने के निर्णय की सराहना की और इसे कैरियर की दृष्टि से प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि गणित एवं कंप्यूटिंग के पाठ्यक्रम का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप लर्निंग जैसे कंप्यूटर इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए गणितीय गूढ़ जानकारी की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में वित्तीय इंजीनियरिंग एवं संख्यात्मक कंप्यूटिंग जैसे विभिन्न अन्य बहु-विषयक विषयों के साथ-साथ कंप्यूटर विज्ञान एवं गणित का अध्ययन शामिल होगा।
पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए गणित विभाग की अध्यक्ष डॉ. नीतू गुप्ता ने कहा कि गणित एवं कंप्यूटिंग में बीएससी पाठ्यक्रम 10 सीटों के साथ शुरू किया जा रहा है। पाठ्यक्रम का उद्देश्य ऐसे अनुप्रयोगीय क्षेत्रों में रोजगार के लिए स्नातकों को तैयार करना है जिनके लिए इन दोनों विषयों की आवश्यकता होती है। पाठ्यक्रम कैरियर उन्मुख है जो सॉफ्टवेयर, बीमा एवं वित्त, बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, मशीन लर्निंग आधारित प्रौद्योगिकी और बिग डेटा विश्लेषण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कई अवसर प्रदान करता है।
इसके अलावा, विद्यार्थी गणित में एमएससी, कंप्यूटर विज्ञान में एमएससी, एमसीए, एमटेक, इंटीग्रेटेड एमएससी, एमबीए और पीएचडी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उच्च अध्ययन कर सकते हैं। डॉ. गुप्ता ने बताया कि इस पाठ्यक्रम में दाखिला विश्वविद्यालय स्तर पर होगा। भौतिकी, गणित और रसायन विज्ञान के विषयों में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। दाखिला मेरिट के आधार पर किया जाएगा। हालांकि, आरक्षित वर्ग को सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार छूट दी जाएगी।
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