अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद; स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में भारत सकार एवं हरियाणा सरकार के दिशा-निर्देशानुसार तथा उपायुक्त अतुल कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन में 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु के लगभग साढ़े आठ लाख बच्चों को दो प्रकार की बीमारियो से सुरक्षित रखने के लिए आगामी अप्रैल माह के तीसरे सप्ताह से चार हफतो के लिये स्कूलों व आंगनवाडी केन्द्रों एवं स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में निशुल्क मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान चालाया जाएगा। सिविल सर्जन डा0 गुलशन अरोडा ने बताया कि मीजल्स एवं रूबेला दोनो वैक्सीन प्रीवेन्टेबल बीमारिया है।
भारत वर्ष में मीजल्स बीमारी से हर वर्ष लगभग 50 हजार बच्चों की अकाल मौत हो जाती है। यदि किसी गर्भवती महिला को गर्भधारण के पहले तीन महीनों में रूबेला बीमारी के लक्षण दिखाई देते है तो या तो उसका गर्भपात हो जाता है या बच्चा मरा हुआ पैदा होता है, या मानसिक रूप से पिछडा होता है, जन्मांध व बहरा हो सकता है, या फिर उसके दिल में छेद हो सकता है। इसे जन्मजात रूबेला सिन्ड्रोम (सी$आर$एस$) कहा जाता है। अत: इस टीकाकरण से बच्चा आजीवन के लिये इन बीमारियो से सुरक्षित हो जाता है।उन्होंने बताया कि उक्त दोनो बीमारियां प्राय: 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में अधिकतम पाई जाती है और इनमें कमी लाने के लिये भारत सरकार ने मीजल्स-रूबेला टीकाकरण के अन्तर्गत 15 राज्यों में 7 करोड से अधिक बच्चों को यह टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिले को गत वर्ष 2008 से पोलियो मुक्त किया जा चुका है और अब उसी प्रकार से मीजल्स व रूबेला के खात्मे की तैयारी है। डा0 अरोडा ने बताया कि इस अभियान में 80 से 85 प्रतिशत बच्चे सरकारी व निजी स्कूलों में टीका लगवाकर सुरक्षित किये जाएंगे और बाकी बच्चों को आंगनवाडी केन्द्रो में टीके लगाये जाएंगे। डा0 अरोड़ा ने सम्बन्धित स्कूल प्रमुखों, शिक्षकों एवं अभिभावको से अपील की हैं कि वे इस पुण्य अभियान को शत- प्रतिशत रूप में सफल बनाने में अपना भरपूर सहयोग दें।
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