अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :रात तक़रीबन एक बजे तक पूजा भारद्वाज की ट्रांजिट रिमांड का मामला न्यायिक दंडाधिकारी अशोक शर्मा के निवास पर चला। जज अशोक शर्मा ने हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान रखते हुए पूजा भारद्वाज को 30 -31 अगस्त तक सूरजकुंड पुलिस की देख रेख में अपने ही घर में रहने आदेश दे दिया,मंगलवार को दिल्ली -एनसीआर सहित कई देशों के प्रदेशों में एक साथ छापामारी की और कई लोगों को गिरफ्तार किए हैं।
वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मंगलवार को हाई कोर्ट ने पूजा भारद्वाज के पक्ष में एक आदेश दिया था कि उन्हें 30 -31 अगस्त तक वह अपने ही घर में सूरजकुंड पुलिस की देखरेख में रहेंगी। इस आदेश की कॉपी पूजा भारद्वाज के वकील के पास पहुंच गई पर ऑफिसियल स्तर पर पुणे पुलिस को नहीं मिली थी और नाही जज अशोक शर्मा के पास पहुंची थी। इस बीच न्यायिक दंडाधिकारी अशोक शर्मा ने पुणे पुलिस को ट्रांजिट रिमांड दे दिया। पूजा भारद्वाज के वकील वृंदा ग्रोवर का कहना हैं कि वह बार -बार पुणे पुलिस को कहती रही की उनके पास हाई कोर्ट के आदेश कॉपी हैं और 30 अगस्त तक आप इन को अरेस्ट नहीं कर सकतें पर पुलिस ने उनकी बातों को नहीं मानी और पूजा भारद्वाज अपने साथ लेकर देर शाम एयरपोर्ट पहुंच गई। इसी वक़्त जज अशोक शर्मा ने हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद तुरंत पुणे पुलिस से संपर्क किया और सभी को निवास पर बुला लिया।
उनका कहना हैं कि रात के करीब एक बजे तक पूजा भारद्वाज के मामले में सुनवाई हुई और अंत में जज अशोक शर्मा ने हाई कोर्ट के आदेश को सम्मान देते हुए पूजा भारद्वाज को अपने ही घर में 30 -31 अगस्त तक पुलिस की निगरानीं में रहने के आदेश दे दिए। आपको बतादें कि मंगलवार की सुबह पुणे पुलिस ने मानव अधिकार आयोग के कार्यकर्ता , लो कॉलेज की प्रोफ़ेसर सुधा भारद्वाज को उनके ही निवास से हिरासत में ले लिया था। इन पर आरोप हैं भीमा कोरेगांव में जनवरी माह में हुई हिंसा, पीएम के जान से मारने की साजिश रचने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था और इनके तार नक्सलियों से जुड़े होने की बात बताई गई। हालांकि उनके वकील वृंदा ग्रोवर ने इन सभी आरोपों को निराधार और झूठा बताया हैं।
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