अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : ग्रीन फील्ड कालोनी में बिल्डरों की गुंडागर्दी चरम पर हैं,पहले तो चिपड़ी चुपड़ी बातों से ग्राहकों को अपने चंगुल में फंसाते हैं, फिर उससे करोड़ों रुपए ऐंठ लेते हैं और ग्राहकों को सड़कों पर धक्के खाने के लिए छोड़ देते हैं ऐसे लोगों के हौसले इस लिए बुलंद हैं क्यूंकि उन्हें पुलिस और सम्बंधित विभाग के लोगों से संरक्षक मिले होते हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया हैं। एक शख्स ने साढ़े 22 लाख रूपए चूहा फ्लैट के लिए बिल्डर कृष्ण शर्मा को दिए थे और जब वह चूहा फ्लेट में रहने लगा तो किसी और बिल्डर ने यह कहते हुए उसके फ्लैट को तोड़ दिया की यह प्लाट में उसने खरीद ली हैं इस लिए यहां से भागों । दरअसल में जिस जगह पर चूहा फ्लैट बना हुआ हैं . असल में वह स्थान पार्किंग का हैं पर बिल्डर ने उससे झूठ बोल कर 22 . 50 लाख रूपए में चूहा फ्लैट बेच दिया। अब वह सूरजकुंड थाने का चककर काट रहा हैं पर उसका कोई सुनने वाला नहीं हैं। इस संबंध में सूरजकुंड थाने के एसएचओ अर्जुन देव का कहना हैं कि पीड़ित पुरोषत्तम की शिकायत उनके पास आई हैं और उसकी जांच एएसआई महावीर सिंह कर रहे हैं।
यह दरखास्त एक महीने पहले डीसीपी हेड कवाटर नितिका गहलोत ने सूरजकुंड थाना में भेज कर 7 दिनों में रिपोर्ट मांगी थी और अब बिल्डरों ने 2 -3 दिन पहले तो उसका फ्लैट तोड़ दिया.उसमें उसके जो भी तायल वगैहर रखे हुए थे उसे भी लूट लिए जब वह ग्रीन फील्ड कालोनी पुलिस चौकी में शिकायत करने गए तो इंचार्ज जगजीत सिंह ने उसकी शिकायत लेने से मना कर दिया न उसकी डीसीपी हेड कवाटर नितिका गहलोत वाली शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई जो कि सूरजकुंड थाने में हैं और ना दूसरी शिकायत पुलिस चौकी वालों ने ली। ऐसे में वह करे तो क्या करे उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा हैं। इनमें से एक मुख्य बिल्डर कृष्ण कुमार को आर्थिक अपराध शाखा ने महेंद्रगढ़ से गिरफ्तार किया हैं। इस वक़्त तो वह अगले 4 दिनों के पुलिस रिमांड पर हैं। यह तो उनके आपसी पार्टनरों के विवाद हैं जिसमें पुलिस ने कृष्ण कुमार को गिरफ्तार किया हैं। यह जानकारी जांच अधिकारी अजय सिंह ने दी हैं। इस प्रकरण में डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार का कहना हैं कि प्लाट 1968 ए,ग्रीन फिल्ड कालोनी को डबल यूनिट को गलत तरीके से बनाने पर उन्होनें दो बार तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी और उस पर एक केस भी दर्ज करवाया था। फिर से एक मुकदमा नए मालिकों के खिलाफ सूरजकुंड थाने में दर्ज करवा दिया जाएगा और उसमें अवैध निर्माण करने पर जो भी कार्रवाई होगी वह कर दी जाएगी। इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ब्रह्मदत्त का कहना हैं कि जिस प्लाट पर पहले से ही एक मुकदमा दर्ज हैं फिर से उस प्रॉपर्टी को बिल्कुल नहीं बेचा जा सकता हैं अगर उसी प्लाट को मालिक अजय सोनी ने भूषण तनेजा को एक करोड़ में बेच दी,
इसके बाद एक करोड़ 8 लाख रुपए में भूषण तनेजा ने बदरपुर,दिल्ली निवासी नरेंद्र सिंह को बेच दी। यह सोची समझी साजिश हैं। इसमें कई धाराओं में अपराधिक मामले संबंधित थाने में दर्ज किए जा सकते हैं जो जो लोग इस साजिश में शामिल हैं। सत्य प्रकाश निवासी ब्लॉक सी -1350 ,तिगरी ,बैंक रोड, न्यू दिल्ली ने डीसीपी मुख्यालय नितिका गहलोत को 11 फ़रवरी 2019 को एक शिकायत दी थी जिसमें उसने कहा हैं कि उसके छोटे भाई पुरुषोत्तम ने प्लाट नंबर -1968 ए,ग्रीन फिल्ड कालोनी,फरीदाबाद में बिल्डर कृष्ण शर्मा से एक चूहा फ्लेट 22 लाख 50 हजार रूपए में खरीदी थी। उस वक़्त उस बिल्डिंग में निर्माण कार्य बेधड़क चल रहा था। बाद में उसे पता चला की वह अवैध निर्माण हैं। इसके बाद उस निर्माण पर डीटीपी इंफोर्स्मेंट ने कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग का कुछ हिस्सा तोड़ दिया। इसके बाद उसने बिल्डर कृष्ण शर्मा के कहने पर अपने जेब से आठ लाख रुपए खर्च करके फिर से चूहा फ्लैट को बना लिया। जब वह अपने परिजनों के साथ उसमें शिफ्ट होने ही वाले थे तो अचानक भूषण तनेजा व उसके साथ में कई गुंडे आए और कहने लगे की इस चूहा फ्लैट को तुरंत खाली करो. इस प्लाट सहित निर्माणधीन बिल्डिंग को उसने खरीद लिया हैं अब से इस प्लाट का मालिक मैं हूँ. अब इस प्लाट से बिल्डर अजय सोनी व कृष्ण शर्मा का कोई लेना देना नहीं हैं। इसके बाद फिर समझौते का दौड़ चला क्यूंकि चूहा फ्लेट अवैध है इस लिए वह डर गया की यह फ्लैट उसके हाथ से निकल न जाए और एक लाख रुपए उससे ले लिया नए बिल्डर भूषण तनेजा ने। इसके बाद फिर से एक और शख्स मालिक बन कर आ गया जिसका नाम नरेंद्र सिंह हैं उसने भी आ कर धमकाने लगा की इस चूहा फ्लैट को खाली कर दो इस प्लाट को मैंने खरीद लिया हैं और कहने लगा की अब से इस प्लाट का मालिक मैं हूँ।
अब इस प्लाट से बिल्डर अजय सोनी ,कृष्ण शर्मा , भूषण तनेजा का कोई लेना देना नहीं हैं। उसका कहना हैं कि फिर से उसकी मुश्किलें बढ़ गई. जिससे उसका पूरा परिवार तनाव और मुश्किल में पड़ गया। इसके बाद उसने एक दरखास्त डीसीपी मुख्यालय नितिका गहलौत को 11 फ़रवरी 2019 को दी। इसके बाद उनके दरखास्त को फॉरवर्ड करके सूरजकुंड थाने में भेज दिया और थाना वाले से 7 दिन में रिपोर्ट देने को कहा पर इस बात को तक़रीबन एक महीना बीत गया पर उनकी शिकायत पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई। यहां अनुभव हो रहा हैं कि थाने की पुलिस उन बिल्डरों से मिली हुई हैं। शिकायतकर्ता पुरुषोत्तम का कहना हैं कि उनकी दिए गए दरखास्त पर अभी तक तो कोई कार्रवाई नहीं की गई ,उधर ,बिल्डर नरेंद्र सिंह ने अपने गुंडे साथियों के साथ मिल कर फिर से उसके चूहा फ्लैट को तोड़ किया.उसमें उसके रखे सामानों को लूट कर ले गए। जब उन्हें इस घटना क्रम की सूचना मिली तो उन्होनें एक शिकायत ग्रीन फील्ड कालोनी पुलिस चौकी में देने के लिए गए तो चौकी की पुलिस वालों ने उसकी शिकायत लेने से साफ़ मना का दिया। इस मामले में ग्रीन फिल्ड कालोनी पुलिस चौकी के इंचार्ज जगजीत सिंह का कहना हैं कि वह बंदा जरूर शिकायत लेकर के आया था उसको उन्होनें कहा था की अगर चूहा फ्लैट की रजिस्ट्री हैं तो वह अवश्य दिखाए। तभी वह मौके पर जाकर देखेंगे और चूहा फ्लेट की न तो उसके पास रजिस्ट्री थी. नाही वह लोग पुलिस चौकी में आए ।
सवाल यह हैं कि जब पुलिस के पास शिकायत लेकर करके गया तो उसकी शिकायत सुननी नहीं चाहिए था अगर उसके साथ जो धोखा हुआ हैं उसका उसके पास कागजात हैं वह तो पुलिस को देखना नहीं चाहिए था। एक पीड़ित पुलिस के पास नहीं जाएगा तो कहा जाएगा। इस पुलिस प्रशासन का तो भगवान ही मालिक हैं। एक इंसान का जिंदगी भर की कमाई बिल्डरों ने आपस में मिलीभगत करके लूट ली और कानून में कोई सूनने वाला नहीं हैं ऐसे में आम लोग इन्साफ के लिए कहा गुहार लगायेंगें। वहीँ , बिल्डर भूषण तनेजा का कहना हैं कि उसने प्लाट न. 1968 ए ,ग्रीन फिल्ड कालोनी और उसमें बने फ्लैटों को अजय सोनी से एक करोड़ रुपए में ख़रीदा था। पिछले मई -जून 2018 में. इसके बाद उसने नरेंद्र सिंह निवासी बदरपुर ,दिल्ली को एक करोड़ 8 लाख रुपए में बेच दी। इस संबंध में नए बिल्डर नरेंद्र सिंह से फोन पर बातचीत करने की कोशिश तीन बार की गई पर उसने अपना फोन एक बार भी नहीं उठाया गया हैं। शिकायत कर्ता सत्य प्रकाश व उसका भाई पुरुषोत्तम ने पुलिस कमिश्नर संजय कुमार से मांग की हैं कि इन लूटेरे बिल्डरों से बचाए जिसने उसकी जीवन भर की कमाई को लूट ली हैं और इन पर तुरंत कानूनी कार्रवाई किए जाए और उसके साथ इन्साफ किया जाए।