अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: दुनियाँ में हम आये है तो जीना ही पड़ेगा, पड़े अगर जहर तो पीना ही पड़ेगा। यह कहावत सिद्ध हो रही है दिल्ली से सटे फरीदाबाद की आदर्श कलोनी में रह रही एक लगभग 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला पर । जिसके आज भी पांच बेटे और एक बेटी जीवित है लेकिन बावजूद वह इस उम्र के आखिरी पड़ाव में भी बेसहारों की तरह जिंदगी जी रही है। अब महिला का सहारा उसके पड़ोसी बन रहे हैं। बेसहारा बुजुर्ग महिला की सूचना महिला आयोग की सदस्य रेनू भाटिया को लगी तो वह मौके पर पहुंची और बुजुर्ग को वृद्ध आश्रम में ले जाने के लिए कहा। लेकिन बुजुर्ग महिला ने अपने पड़ोसियों पर भरोसा जताते हुए वृद्ध आश्रम जाने से मना कर दिया।
तस्वीरों में दिखाई दे रही यह उम्र के आखिरी पड़ाव पर बेसहारों की जिंदगी जी रही लगभग 90 वर्षीय वीरमा है जिन्होंने पांच बेटों और दो बेटियों को जन्म दिया जिनमें से एक बेटी की मौत हो चुकी है । इन्होंने बताया कि मेहनत मजदूरी करते हुए अपना और अपने बच्चों का पेट पाला।इतना ही नहीं इनके मुताबिक इन्होंने पंचकूला में पूर्व क्रिकेटर कपिल देव के भाई से कुछ जमीन लेकर होटल भी चलाया। लेकिन कुछ दिन बाद वह अपने बच्चों के साथ फरीदाबाद आकर यहाँ रहने लगीं लेकिन कुछ दिन बाद उनके बच्चे उन्हें यहां अकेला छोड़ कर चले गए। तभी से वह अकेले रह रही है । बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाली दो महिलाएं उनकी अच्छी तरह से देखभाल कर रही हैं जिनकी देखभाल से वे काफी खुश है इसलिए मैं वृद्ध आश्रम में नहीं जाना चाहती।