अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के भारत सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य ‘विकसित भारत-2047: युवाओं की आवाज’ कार्यक्रम को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों और संकाय सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इसमें जिले से मानव रचना विश्वविद्यालय (एमआरयू) ने भी भागीदारी निभाई। इस संबोधन में विकसित देश के निर्माण के लिए देशवासियों खासतौर पर युवाओं को जागरूक करने पर फोकस किया गया।कार्यशाला में माननीय प्रधान मंत्री ने आने वाले वर्षों में वैश्विक स्तर पर भारत के भविष्य को तैयार करने में भारत के युवाओं की भूमिकाओं और महत्व का उल्लेख किया। इसमें माननीय राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित एमआरयू के उपकुलपति प्रो. (डॉ.) आईके भट्ट और रजिस्ट्रार कामेश्वर सिंह भी शामिल हुए। डॉ. आईके भट्ट ने बताया कि इस कार्यशाला में विचार-विमर्श किया गया कि साल 2047 तक देश को विकसित बनाने के लिए किन बिंदुओं पर काम करना जरूरी है और इसे लागू करने के सुझाव भी दिए गए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालयों को देशवासियों और युवाओं को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी है। जरूरी है कि शैक्षणिक संस्थान युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने और देश को विकसित बनाने के लिए किस तरह कौशल निखारे इस बारे में जागरूक बनाएं, जिससे देश तरक्की कर सके। मानव रचना पहले से ही वैश्विक स्तर पर बेहतरीन शिक्षा देने और युवाओं का कौशल निखारने में लगा है। कामेश्वर सिंह ने बताया कि मानव रचना में स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक नई शिक्षा नीति के तहत बदलावों पर आधारित शिक्षा दी जा रही है। इनोवेशन, स्टार्टअप और कौशल विकास पर शिक्षण संस्थानों को फोकस करना होगा तभी देश आगे बढ़ेगा।
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