अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : हरियाणा के एक मंत्री सहित विभिन्न राजनितिक पार्टियों के नेताओं ने किस कदर से हुड्डा के नियमों की धज्जियां उड़ाई जिसे सोच कर आप हैरान हो जाएगें। बतातें हैं कि सेक्टर -16 व 15 की मार्किटों में बने एक -एक एससीओ को अवैध रूप से टुकड़े -टुकड़े करके बनाएं गए दुकानों को अलग -अलग ग्राहकों को बेच दिए, यहां तक की गैर -कानूनी तरीके से उसकी रजिस्ट्री भी करवा दी गई ।
इस मामले में हुड्डा प्रशासक यशपाल यादव का कहना हैं कि जहां तक उन्हें मालूम है जिस फॉर्म को हुड्डा प्लाट अलॉट करती हैं उसी ओनर को आगे भी मैंटेन करना होता हैं और जैसा की atharv news ने उनके जानकारी में दी हैं उसमें गलत तरीके से छोटे -छोटे दुकानें बना कर ग्राहकों को बेच दी गई हैं उस हिसाब से वायलेशन हैं इस पर अवश्य कार्रवाई होनी चाहिए। संभवता उस पर कार्रवाई हो भी रही होगी हैं, वैसे भी इस मामले में उन्हें जाएदा नहीं मालूम हैं फिर भी वह फरीदाबाद आने पर उसे जरूर चेक करवा लेंगें।
मालूम हैं कि फरीदाबाद के सेक्टर -16 व 15 की मार्किटों में काफी पहले हुड्डा ने एससीओ एंव एससीएफ बनाने हेतु गिने चुने गए लोगों को ही जमीन अलॉट किए गए थे जिसमें हुड्डा के नियमों के अनुसार एक प्लाट का सिर्फ एक ही आदमी मालिक होगा ऐसा बताया गया हैं । बातचीत के दौरान हुड्डा के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक जमीन पर एससीओ पहली मंजिल तक व एससीएफ दूसरी मंजिलों तक बना सकतें हैं पर मालिकों ने हुड्डा के नियमों को सरेआम ठेंगा दिखातें हुए एक -एक एससीओ में पार्टीशन करके कई -कई दुकानें को बना कर, गलत तरीके से ग्राहकों को बेच दी हैं और तहसीलदारों से मिली भगत करके उसकी गलत तरीके से रजिस्ट्री भी करवा दी गई हैं। बताया गया हैं कि यह खेल में एक कैबिनेट मंत्री सहित अलग -अलग राजनितिक पार्टियों के बड़े -बड़े नेताओं और उनके दल्ले लोग शामिल हैं। एक प्रॉपर्टी डीलर का कहना हैं कि पार्टिशन करके जो दुकानें एससीओ व एससीएफ में बनाई गई हैं वह तो हुड्डा के नियमों के मुताबिक है तो गलत हैं पर उसकी रजिस्ट्री आराम से हो जाती हैं पर एक दुकान की एवज में रजिस्ट्री के तहसीलदारों को मात्र 35000/- रूपए अलग से दिए जाते हैं इसमें हुड्डा द्वारा ट्रांसफर पेपर का होना जरुरी नहीं हैं।
उधर, हुड्डा के एक अधिकारी ने बताया कि वह लोग पार्टिशन करके अवैध रूप से बनाई गई दुकानों का ट्रांसफर बिल्कुल नहीं करते हैं, बिना ट्रांसफर की रजिस्ट्री भी नहीं हो सकती हैं। इसका साफ़ मतलब हैं कि जिन -जिन लोगों के पास पार्टिशन वाली दुकानों की रजिस्ट्री हैं वह कानूनी रूप से गलत हैं ऐसे में हुड्डा को चाहिए कि जिन -जिन लोगों को एससीओ व एससीएफ हेतु जमीनों को अलॉट किए थे उनसे तुरंत प्रभाव से वापिस ले लेना चाहिए या उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अवश्य करना चाहिए। इस संबंध में तहसीलदार सुशील शर्मा का कहना हैं कि वह बिना ट्रांसफर परमिशन व कंप्लीशन सर्टीफिकेट के बिल्कुल रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं और ना ही उनके सामने में कोई रजिस्ट्री ऐसी हुई हैं पर यहां तो काफी ग़दर तो है ही। उनका कहना हैं कि अगर उनसे पहले की कोई रजिस्ट्री हैं उनके बारे में वह कुछ कह नहीं सकतें।