
फरीदाबाद : मुझे अपने पति पर फक्र है , मैं अपना बेटे को भी फ़ौज में भर्ती कराउंगी और उनकी मौत का बदला लेकर रहूंगी । यह अल्फाज है मंगलवार को शहीद हुए गांव अटाली के संदीप की पत्नी के । तीन छोटे-छोटे बच्चों के साथ आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं लेकिन देश और सीमा की सुरक्षा का ऐसा जज्बा पति को खोने के बाद भी अपने दो छोटे-छोटे बच्चों को अब से ही सेना में भेजने का मन बना चुकी है । दरअसल वुधवारगांव अटाली के रहने वाले शहीद संदीप कुमार का शव फरीदाबाद पहुँचा जहाँ हजारों लोगों की भीड़ ने उनको श्रधांजलि दी । शहीद के अंतिम संस्कार के समय पूरा फरीदाबाद जैसे सड़कों पर उतर आया । जहां जहां से शहीद का काफिला निकला वहां वहां लोग हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर खड़े थे । शहीद के शव पर फूल बरसा रहे थे आंखों में आंसू और पाकिस्तान को लेकर गुस्सा साफ तौर पर दिखाई दे रहा था ।
दिखाई दे रहा है यह नजारा है फरीदाबाद के गांव अटाली का जहां मंगलवार को शहीद हुए संदीप का शव आज अपने गाँव पहुंचा । फरीदाबाद के सड़कों का बुधवार हालात कुछ इस तरह का था जैसे पूरा फरीदाबाद रुक सा गया हो । सभी शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सड़कों पर थे फूल बरसा रहे थे और हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे । जिस समय गांव पूरी तरह गमगीन था उस समय आंसुओं के बीच में शहीद की पत्नी अपने देश पर अपने दोनों बेटों को भी कुर्बान करने के लिए तैयार नजर आई । शहीद संदीप के तीन बच्चे हैं जिनमें दो जुड़वा बेटे हैं और एक बेटी । संदीप की पत्नी गीता कहती है कि उनके पति ने पूरे गांव और देश का नाम रोशन कर दिया है । उसे अपने पति पर फक्र है और वह चाहती है कि बड़े होकर उसके दोनों बेटे फौज का हिस्सा बने और पाकिस्तान से बदला ले । वही शहीद की माँ केशव देवी भी अपने बेटे की शहादत पर गमगीन है पर देश सेवा का जज्बा बरकरार है । वो अपने दूसरे बेटे और संदीप के छोटे भाई और संदीप के दोनों बेटों को भी फ़ौज में भेजने के लिए तैयार है । संदीप के दोस्त दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर भरत कुमार बताते है कि किस तरह वह दोनों मिलकर सेना के लिए तैयारियां करते थे । दोनों साथ पढ़े थे । भरत दिल्ली पुलिस में लग गए और संदीप सेना में भरत चाहते हैं कि सरकार उनकी मौत का ऐसा इंतकाम ले जिससे पाकिस्तान की आने वाली नस्लें भी उस अंजाम को सोचकर कांप जाए और यही हाल संदीप के छोटे भाई का भी है वह भी चाहते हैं कि इस बार आर-पार की लड़ाई हो और फिर किसी घर का चिराग ना बुझे ।