अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: सीएम मनोहर लाल के स्टिल्स पार्किंग के साथ चार मंजिलों के नक्शा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में अचानक से बंद करने से बिल्डरों के साथ -साथ लगभग 5000 से अधिक परिवारों के लोग मुश्किलों में पड़ गए हैं, इस फैसले से ग्रस्त लोगों का दिमाग काम करना बंद कर दिया हैं। इन्हें अब समझ में नहीं आ रहा हैं कि आखिर वो करे तो क्या करें। अब लोगों के घर के खर्चे कैसे चलेंगें, उनका अकेला पन कैसे दूर होगा, इनके बच्चे पढ़ाई करने के बाद विदेशों में शिफ्ट हो गए हैं,अब उनके बुजुर्ग मुश्किल में हैं।
सरकार ने पहले हुड्डा के सेक्टरों में स्टिल्स पार्किंग के साथ चार मंजिल बनाने की अनुमति दी थी,तब भी तो कुछ सोचा समझा होगा,जब उनके फैसले को आमजन अमल करने लगे तो, अब अपनी ही सोच पर सरकार ने ताला खुद लगा लिया। अभी तो कोरोना महामारी के मारे हुए लोग तथा सॉफ्ट वेयर में आई दिक्कतों की वजह कई महीनों तक रजिस्ट्रियां बंद रही थी,अब प्रॉपर्टी का कारोबार रफ़्तार पकड़ने लगा था, अब फिर से ये कारोबार अचानक से थम सा गया हैं।
फरीदाबाद एस्टेट्स एजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान आकाश गुप्ता ने “अथर्व न्यूज़” से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में हरियाणा सरकार के द्वारा अनुमति देने के बाद से स्टिल्स पार्किंग के साथ चार मंजिले बननी शुरू हुई थी। इससे पहले सेक्टरों के लोगों के ध्यान में ये प्लान बिल्कुल ही नहीं था। जब बिल्डिंगें बनेगी, तो आसपास के लोगों के मकानों में थोड़ी बहुत दिक्कतें आ सकती हैं, और सरकार और संबंधित विभाग के पास शिकायतें भी पहुंचेगी ,पर उसका समाधान भी बातचीत के जरिए संभव हैं,इस मामले में प्रॉपर्टी कारोबारी उनके साथ हैं, पर ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए की अचानक से नक्शा पास करना बंद दें। उनका कहना हैं कि किसी एक प्लाट पर स्टिल्स पार्किंग के साथ चार मंजिल की इमारत खड़ी करते हैं, तो इसकी पूरी प्लानिंग करते हैं, इसमें महीनों की मेहनत लगी होती हैं, इसमें में किसी की करोड़ों रूपए लगी होती हैं, किसी का सपना, किसी की उम्मीदे जुडी होती हैं। जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल के एक फैसले ने ऐसे लोगों के पैरों तले से जमीनें छीन ली हैं, और वह शख्स एक दम से नीचे जमीन पर गिर गया हो। उनका कहना हैं कि जब भी कोई काम प्रभावित होता हैं ,तो इससे कोई एक प्रभावित नहीं होता हैं ,इससे जुड़े लोग जैसे की मजदूर ,ईट, डस्ट , लोहा, सीमेंट ,बिजली, लकड़ी, पानी,टायल्स, पेंटर के अलावा आदि व्यापारी लोग भी प्रवाभित होते हैं, इन्हें जो पैसा मिलता हैं इससे इन सभी के परिवार के सदस्यों का पालन पोषण होता हैं,उनकी सभी जरुरत पूरी होती हैं उन्होंने सीएम मनोहर लाल से मांग की हैं कि उन्होंने जो विशेष कमेटी बनाई हैं, उसमें किसी भी प्रॉपर्टी विशेषज्ञ को अवश्य शामिल करें, ताकि कमिटी में अपनी बातें भी रख सकें।
वही, प्रॉपर्टी कारोबारी हंस आहूजा बताते हैं कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में लोगों के पास बड़ी- बड़ी मकाने तो हैं, पर उसमें रहने वाले लोगों की संख्या काफी कम हैं, और यहां के ज्यादात्तर मकानों में सिर्फ बुजुर्ग दंपति रहते हैं, और उनकी देखरेख करने के लिए कोई नहीं हैं, क्यूंकि उनके बच्चे पढ़ाई पुरे करने के बाद विदेशों में ही नौकरी करते हैं, और वह अपने परिवार के साथ वही शिफ्ट हो गए हैं। ऐसे में उनका अपने मां -बाप के करीब आना मुश्किल ही नहीं, बिल्कुल नामुमकिन हैं, और बेटियां तो अपने ससुरालों में रहती हैं, ऐसे में बुजुर्गों का नाता सिर्फ मोबाइल फोन से जुड़ा होता हैं। और किसी का नहीं भी जुड़ा होता हैं, ऐसे में ये बुजुर्ग लोग किसी भी बिल्डर लोगों के साथ मिलकर अपने पुराने मकानों को तोड़ कर स्टिल्स पार्किंग के साथ चार मंजिल बना लेते हैं, अभी तो हजारों लोग इस फिराक थे ,ताकि उन फ्लैटों में जब लोग आएगें तो उनके साथ उनकी बातचीत हो सकेंगी, साथ में चाय पी सकेंगें हैं , उनके साथ अपनी मन की बातें कर सकेंगें हैं , उनके साथ हंस सकेंगें, उनके साथ रो सकेंगें । उनका कहना हैं कि सिर्फ इतना ही नहीं ,जिनके घरों में पैसे की कमी हैं, उन्हें पैसे भी जरूरत से अधिक मिल जाते हैं जिससे अपनी जरूरत को पूरा कर सकें,अपने बच्चों को कारोबार में सेट कर सकें, और सुख शांति से अपना जीवन जी सकेंगें, पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हुड्डा के सेक्टरों में नया नक्शा पास न करने के फैसले ने उन सभी लोगों के उम्मीदों पर पानी फेर दिया हैं।
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