अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :केंद्र सहित कई प्रदेशों में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार क्या आई हैं ठीक उसी समय से ही सभी राष्टीय व क्षेत्रीय राजनितिक पार्टियों ने देश,प्रदेश के शहरों को जलाने का ठेका सा ले लिया हैं। कभी एससी /एसटी एक्ट के नाम पर,कभी आरक्षण की नाम,कभी हिन्दू मुश्लिम के नाम पर देश- प्रदेश को जलाएं जा रहे हैं,जैसे की उनके पिता की सम्पति हो। यह बात सच हैं कि इस वक़्त सभी वर्ग के लोग इस सरकार से और उनकी बड़ी – बड़ी बातों से नाराज हैं पर इसका मतलब यह तो नहीं किसी की जिंदगी छीन लिया जाए और लोगों की जीवन भर की पूंजी को हिंसा फैला कर जला दिया जाए। ऐसे हालत में केंद्र -प्रदेश कोई कठोर फैसले लेने से पहले काफी सोचना चाहिए,इस सरकार ने तो सब कुछ बदले का ठेका ले लिया,कभी शहरो का नाम बदलने का,महापुरुषों की प्रतिमा बदले का,टैक्स के सिस्टम बदलने का या कानून में संशोधन व बदलने का।
यहीं कारण हैं कि राजनितिक पार्टियों ने दलितों को ऐसी हवा दी कि देश के कई प्रदेश में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में लोगों ने जमकर उत्पाद मचाया जिसमें करोड़ों रूपए की सरकारी व गैर सरकारी सम्पति जलकर ख़ाक हो गई और कई लोगों की जाने चली गई।इस क्रम आज फरीदाबाद में अलग -अलग स्थानों पर दलितों ने जमकर उत्पात मचाया जिसमें कई पुलिस कर्मी घायल हो गए ,लगता हैं जिस तरीके से प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को अपना निशाना बनाया हैं,उससे तो यहीं लगता प्रशासनिक सिस्टम बिल्कुल फ़ैल रहा हैं। खबर हैं कि आज सुबह से ही प्रदर्शन कारियों ने उग्र होकर एक साथ कई जगहों पर पहले तो सड़कों को जाम कर दिया।
इस दौरान मस्जिद चौक पर पुलिस कर्मियों की पिटाई कर दी इसके अलावा बाटा मोड़ स्थित नेशनल हाइवे 2 पर दलितों ने पुलिस पर पथराव कर दिया उसमें कई पुलिस कर्मी जख्मी हो गए और पुलिस की कई गाड़ियों को तोड़े जाने की खबर हैं। सबसे पहले एनआईटी चौक स्थित मस्जिद चौक से खबर आई कि दलितों ने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया जिसमें तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए।इसके बाद नीलम चौक पर प्रदर्शनकारियों ने तांडव किया और वहां स्थित शुभम टावर में घुस कर हंगामा किया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाइवे 2 पर स्थित बाटा मोड़ के पास दलितों ने जाम लगा दिया और जमकर हंगाम किया इस दौरान किए पथराव में कई पुलिस कर्मी जख्मी हो गए और पुलिस की जिप्सी व चलती ट्रेन के शीशे टूट गए। सभी घायल पुलिस कर्मियों का इलाज बादशाह खान अस्पताल में कराया गया हैं। इसके अलावा ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर काफी तादाद में दलित समाज के लोग पहुंच गए और रेलवे ट्रैक पर रेल गाडी को रोक दिया जिससे कई घंटों तक यात्री परेशान रहे।