अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:खट्टर सरकार ने एनएसयूआई फरीदाबाद के समक्ष लगातार चौथी बार अपने घुटने टेक दिए। उक्त वाक्य एनएसयूआई के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए। कृष्ण अत्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि तीसरे सेमेस्टर में दाखिला लेने के लिए पहले सेमेस्टर के50 प्रतिशत विषय में पास होना तथा पांचवे सेमेस्टर में दाखिले के लिए पहले सेमेस्टर के 100 प्रतिशत विषय मे पास होना अनिवार्य का नियम एमडीयू नेइस वर्ष भी लागू किया था लेकिन एनएसयूआई के विरोध के बाद आज एमडीयू ने अपना यह नियम वापिस ले लिया।
गौरतलब है कि एनएसयूआई के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री के नेतृत्व में छात्रों ने एमडीयू के तुगलकी फरमान के खिलाफ बिगुल बजा दिया था। लगातार 9 दिन तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद आज एमडीयू ने अपना नियम वापिस ले लिया है। प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि पिछले कई दिनों से एनएसयूआई के बैनर तले इस नियम के खिलाफ अलग-अलग कॉलेजों में प्रदर्शन किया और कल लघु सचिवालय का घेराव कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी तब जाकर आज एमडीयू ने छात्रों के संघर्ष के समक्ष अपने घुटने टेके हैं। अत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राइवेट कॉलेज और सरकारी कॉलेजों के छात्रों के साथ भेदभाव की नीति अपना रही है। सरकारी कॉलेजों में जहां एमडीयू के इस नियम का हवाला देते हुए छात्रों का एडमिशन नहीं लिया जा रहा था, वहीं प्राइवेट कॉलेजों में यह नियम देखने को ही नहीं मिल रहा था।
प्राइवेट कॉलेजों में छात्रों को एडमिशन शुरू से ही दिया जा रहा था। अत्री ने बताया कि लगातार चार वर्षों (2015, 2016, 2017, 2018) से एमडीयू एडमिशन के समय यह नियम लागू कर देती है लेकिन एनएसयूआई के विरोध के बाद हर वर्ष अपने इस नियम को वापिस ले लेती है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई छात्रों के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करती आई है और करती रहेगी। अत्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि एमडीयू के तुगलकी फरमान के खिलाफ एनएसयूआई 4 जुलाई से विरोध कर रही है और आज उन्हें इस मामले में सफलता मिली है। तुगलकी फरमान के खिलाफ एनएसयूआई फरीदाबाद द्वारा किए गए प्रदर्शन इस प्रकार है – 1) 4 जुलाई को नेहरू कॉलेज की प्राचार्या को ज्ञापन सौंपा गया
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments