अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : जनकपुरधाम,नेपाल में बीते मंगलवार के दिन माता सीता, विवाह के मंडप में सीता – राम के दृश्य , धनुषा में प्राकृतिक धनुष के एक टुकड़े के दर्शन पत्रकार अजीत सिन्हा ने अपने पूरे परिवार के साथ की। वहां के अदभुत नज़ारे को देख कर पूरे परिवार के लोग धन्य हो गए। जनकपुर धाम से लगभग 20 किलो मीटर की दूरी पर एक धनुषा मंदिर हैं। उस जगहों पर जो लोग जाते हैं वह लोग वहां माता सीता व सियाराम का आशीर्वाद लेकर ही लौटते हैं।
पत्रकार अजीत सिन्हा का कहना हैं कि बीते 18 मई को उनके बेटे अथर्व सिन्हा की स्कूल की छुट्टी हुई थी उसी दिन रात को स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस जोकि नई दिल्ली से बिहार के दरभंगा जंक्शन के लिए चलती हैं इस ट्रैन में सवार होकर दरभंगा के लिए चल दिए,वहां पर वह दूसरे दिन शाम साढ़े छह बजे के करीब पहुंच गए। उनका कहना हैं कि वहां पर मेरा अपना मकान हैं और उस मकान में मेरी मां सहित बाकी के भाइयों के परिवार रहते हैं।
उन्होनें अपने बच्चों को दादी के घर छोड़ने के उद्देश्य से गए थे पर वहां पर मुझ से बड़ा भाई अंजनी कुमार सिन्हा से नेपाल स्थित जनकपुरधाम मंदिर में जाने हेतु प्रेरित किया जिसके लिए मैं , मेरी पत्नी बंदना सिन्हा व बेटा अथर्व सिन्हा तैयार हो गए। वहां से नेपाल स्थित जनकपुरधाम मात्र दो घंटे का ही रास्ता हैं और फोर व्हीलर से लोग जनकपुर मंदिर में बेधड़क जा सकतें हैं। उनका कहना हैं कि वहां जाने के लिए एक स्कार्पियों गाडी की व्यवस्था की गई और बीते 21 मई को प्रात: 7 : 30 बजे मैं,पत्नी बंदना सिन्हा, बेटा अथर्व सिन्हा,बड़ा भाई अंजनी सिन्हा, भाभी सुधा सिन्हा,भतीजी अंकिता, अनन्या, भतीजा अकक्षत व बहन विजय लक्ष्मी एक ही स्कार्पियों गाडी में सवार होकर जनकपुर धाम, नेपाल के लिए रवाना हो गए । करीब साढ़े नौ बजे जनकपुरधाम पहुंच गए। इसके बाद सभी लोग पूजा सामग्री लेकर माता सीता के मंदिर पहुंच गए और मंदिर में पूजा अर्चना की।
मंदिर के अदभुत नजारे को देख कर दिल तो बिल्कुल खुश हो गया। इसके बाद विवाह के मंडप के दर्शन करने के लिए पहुंचे जहां पर माता सीता और भगवान राम की शादी हुई थी। वहां पर कमाल नजारा देखने को मिला । इन मंडप के बहार के हिस्से में तीनों कोने पर भरत -मांडवी, लक्ष्मण – उर्मिला,शत्रुधन -श्रुति कृति के अलग -अलग मंडप बने हुए थे जिसके दर्शन करने के बाद सभी लोगों के मन धन्य हो गए । नेपाल स्थित जनकपुर मंदिर के सामने एक बड़ा तालाब हैं। देखा गया हैं नेपाल में जगह -जगह तालाब हैं इन सभी तालाबों में पानी बिल्कुल साफ़ हैं उसमें लोग खूब नहाते हुए देखे गए हैं। जनकपुरधाम से करीब 20 किलों मीटर की दूरी पर धनुषा मंदिर हैं जहां भगवान शिव के बनाए धनुष को स्वंयवर के वक़्त भगवान राम ने तीन टुकड़े किए थे,पुजारी के मुताबिक एक टुकड़ा धनुषा हैं जोकि दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रहीं हैं। सवाल के जवाव में पुजारी ने कहा कि भगवान राम ने धनुष के तीन टुकड़े किए थे जिसका एक टुकड़ा धनुषा में हैं जिसे मैने स्वंय देखा,धनुष का दूसरा टुकड़ा पाताल में चला गया और तीसरा टुकड़ा रमेश्वमर में पहुंच गया है। पुजारी का कहना हैं कि इस धनुष की आकाड दिन प्रतिदिन धीरे -धीरे बढ़ता ही जा रहा हैं और यह धनुष प्राकृतिक हैं ऐसा बताया गया हैं और धनुष के साथ में एक पांच सौ साल पुराने पेड़ हैं।
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