अजीत सिन्हा रिपोर्ट
फरीदाबाद :भारत को परम वैभव पर पहुंचाने एवं विश्व गुरु के स्थान पर सुशोभित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज परिवर्तन के माध्यम से व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। इस पुनीत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि भारतीय भाषाओं को संरक्षण एवं संवर्धन मिले क्योंकि भारतीय मूल्यों, परम्पराओं एवं संस्कृति की छटा भारतीय भाषाओं में ही निहित है। उक्त विचार वृहस्पतिवार को गोल्फ क्लब, फरीदाबाद में आयोजित प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हरियाणा प्रांत कार्यवाह डॉ देवप्रसाद भारद्वाज ने व्यक्त किये। ज्ञात हो कि 9 से 11 मार्च को नागपुर में संपन्न हुई रा. स्व. संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी देने हेतु संघ द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था ।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए डॉ भारद्वाज ने बताया कि वर्ष में एक बार मार्च के महीने में संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होती है जिसमें राष्ट्रीय एवं सामाजिक महत्त्व के भिन्न भिन्न विषयों तथा देश भर में चल रहे संघ कार्य की विस्तार से चर्चा एवं समीक्षा की जाती है । इस बार अ. भा. प्र. स. में भारतीय भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्धन की आवश्यकता को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि भाषा किसी भी व्यक्ति एवं समाज की पहचान का महत्वपूर्ण घटक एवं उसकी संस्कृति की सजीव संवाहिका होती है । अनेक भारतीय भाषाएँ व बोलियां आज लुप्त हो चुकी हैं एवं अनेक लुप्त होने की कगार पर हैं इसलिए भारतीय भाषाओं को राजकीय,सामाजिक एवं वैचारिक संरक्षण मिलना अति आवश्यक है। देशभर में प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में हो तथा आम बोलचाल की भाषा में अधिकाधिक मातृभाषा का प्रयोग हो । सभी शासकीय एवं न्यायिक कार्य भारतीय भाषाओं में हों ।
देशभर में चल रहे संघ कार्य की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि देश में कुल 37248 स्थानों पर 58962 शाखाएं चल रही हैं जिनमें 29665 विद्यार्थी शाखाएं, 7282 कॉलेज विद्यार्थी शाखाएं, 15887 तरुण व्यवसायी तथा 6128 प्रौढ़ शाखाएं शामिल हैं। एक लाख सत्तर हजार ( 170000 ) से अधिक सेवा प्रकल्प संघ की प्रेरणा से देशभर में चल रहे हैं । जम्मू कश्मीर से लेकर अंडमान निकोबार तक लगभग 75000 एकल विद्यालयों के माध्यम से बाल बालिकाओं को शिक्षा व संस्कार दिए जा रहे हैं । 35000 से अधिक विद्यालय विद्या भारती के माध्यम से देशभर में चल रहे हैं । सेवा भारती, संस्कार भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, भारत विकास परिषद्, विश्व हिन्दू परिषद्, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ आदि लगभग 56 संगठन समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समाज परिवर्तन का पुनीत कार्य कर रहे हैं ।
जहां पूरे देश में संघ कार्य तेजी से बढ़ रहा है वहीं हरियाणा भी पीछे नहीं है। हरियाणा में भी संघ कार्य का निरंतर विस्तार हो रहा है। वर्तमान में प्रांत में कुल 808 स्थानों पर कुल 1462 शाखाएं चल रही हैं जिनमे 713 विद्यार्थी शाखाएं, 216 कॉलेज विद्यार्थी शाखाएं, 389 तरुण व्यवसायी एवं 144 प्रौढ़ शाखाएं शामिल हैं।
वर्ष 2025 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष है इसलिए अ. भा. प्र. सभा ने संकल्प लिया है कि आगामी तीन वर्षों में प्रत्येक नगर में प्रत्येक बस्ती एवं प्रत्येक खंड में प्रत्येक मंडल तक संघ कार्य का विस्तार हो। और 2021 से 2024 तक सम्पूर्ण भारतीय समाज व्यवस्था परिवर्तन के लिए अग्रसर हो, ऐसा प्रयास किया जाएगा । सामाजिक समरसता, ग्राम विकास, गौ संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जायेगा । आज पूरा विश्व भारत को आशा भरी नजरों से देख रहा है । भारत की प्राचीन वसुधैव कुटुम्बकं की अवधारणा, भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों एवं संस्कृति को वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता मिल रही है ।
इस अवसर पर संघ के विभाग संघचालक डॉ अरविन्द सूद जी, विभाग प्रचार प्रमुख सुभाष त्यागी जी, विभाग प्रत्रकार संपर्क प्रमुख राजेंद्र गोयल, फरीदाबाद पूर्वी महानगर प्रचार प्रमुख जयपाल सिंह, बल्लबगढ़ जिला प्रचार प्रमुख महेश गोयल, पलवल जिला प्रचार प्रमुख बिजेंद्र मंगला उपस्थित थे ।
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