अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : एसआरएस ग्रुप के पड़ितों पर इनकम टैक्स विभाग ने शिंकजा कसना शुरू कर दिया हैं इस क्रम में एक पीड़ित महिला को इनकम टैक्स विभाग ने एक नोटिस भेजा हैं जिसमें कहा गया हैं कि उन्हें आज साढ़े ग्यारह बजे एनआईटी स्थित कार्यलय में पुरे रिकॉर्ड के साथ उपस्थिति दर्ज कराने हेतु बोला गया हैं जोकि पीड़ित के लड़के ने आज सबंधित अधिकारीयों के बीच पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी हैं। इनकम टैक्स द्वारा भेजी की नोटिस संग्लन हैं,आप स्वंय भी पढ़ सकतें इस नोटिस को।
पीड़ित ग्रुप के सदस्यों का कहना हैं कि उनका एक सदस्य हैं जिनका नाम लता खंडेलवाल हैं जोकि एफसीए -90,फ्रैंड्स कालोनी,बल्लभगढ़ की रहने वाली हैं और उनकी उम्र तक़रीबन 40 से 45 साल के बीच की हैं। उनका कहना हैं कि जेल में बंद आरोपी विनोद गर्ग उर्फ़ मामा को कई किस्तों में पांच लाख रूपए उन्होनें दिए थे। पांच लाख रूपए पूरे होने के बाद विनोद गर्ग उर्फ़ मामा ने उन्हें खुशबू फाइनेंस कंपनी की रसीद भी दिए थे। यह पैसा विनोद गर्ग ने उनसे एसआरएस ग्रुप में निवेश करने हेतु लिए थे। इसके एवज में उन्होनें प्रति महीनें ब्याज देना तय हुआ था। पीड़ित लता खंडेलवाल का कहना हैं कि विनोद गर्ग उर्फ़ मामा ने तक़रीबन 3 से 4 महीने ही ब्याज के पैसे दिए। उसके बाद उन्हें ब्याज के पैसे बिल्कुल देने बंद कर दिए।सवाल के जवाव में उनका कहना हैं कि उन्होनें जो 5 लाख रूपए वर्ष -2015 में दिए थे। इसके बाद उसने न तो उनके पैसे लौटाएं और न ही उन पैसों के ब्याज दिए। लम्बें समय उनकी बातों पर विश्वास कर ,5 लाख रूपए लौटने का इंतजार किया पर उन्होनें उनके पांच लाख रूपए नहीं लौटाया। इसके बाद वह पीड़ित ग्रुप में शामिल हुए। उन्हीं के माध्यम से एक साथ सेक्टर -31 थाने में 20 मुकदमें दर्ज किए गए हैं जिनमें एक मुकदमा उनका भी हैं। उनका कहना हैं कि विनोद गर्ग को उन्होनें कई किस्तों में 5 लाख रुपए दिए और इस बात को काफी वक़्त बीत चुके हैं और जब विनोद गर्ग के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया हैं। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा हैं,जिसमें आज की तारीख को दर्शाया गया हैं। उनके दिए गए समयनुसार उनका बेटा इनकम टैक्स के कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी हैं और कह दिया हैं उसका जवाव उनका सीए जल्द ही दे देगा। पीड़ित ग्रुप के सदस्यों का कहना हैं कि इनकम विभाग एसआरएस ग्रुप के इशारे पर पीड़ितों को डराने -धमकाने का कार्य कर रहीं हैं और सैकड़ों करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपी विनोद गर्ग, अनिल जिंदल, विशन बंसल, नानक चंद तायल व विनोद अधाना को बचाने की कोशिश कर रहीं हैं पर उनका यह ग्रुप इन नोटिस से बिल्कुल घबराने वाला नहीं हैं। अगर उन्हें अपनी कार्यवाही करनी थी तो पहले ही कर लेती जब विनोद गर्ग ने खुशबू फाइनेंस कंपनी की रसीद काट कर दी थी। इनते सालों के बाद उन्हें नोटिस भेजने की आखिर जरुरत क्या हैं।
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