अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम में ऐसे अधिकारियों को नियुक्त करना चाहिए एक्टिव हो, और अपने क्षेत्र की सभी समस्याओं और अवैध रूप से चल रहे अवैध निर्माणों और अवैध कब्जों पर नियंत्रण कर सकें,पर यहां ये देखा जा रहा हैं कि ओल्ड नगर निगम की संयुक्त आयुक्त सहित नगर निगम के तोड़फोड़ विभाग के एसडीओ फोन नहीं उठाते हैं,ऐसे में ये लोग शहर में अवैध दुकानें और अवैध कब्जों पर अंकुश कैसे लगाएंगें,या अन्य किसी भी समस्याओं का समाधान कैसे करेंगें, ऐसे में कोई खबर में उनका पक्ष कैसे ले सकेंगे,जब ये लोग बिल्कुल फोन नहीं उठाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चाहिए की फोन न उठाने व कॉल बैक न करने वाले अधिकारी को ऐसी जगह पर स्थानांतरित कर दे, जहां पर कोई जरुरत इंसान इनके पास नहीं पहुंच सकें।
ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम क्षेत्र में बीते एक महीने में जितने अवैध दुकानें बने हैं, उतने तो बीते कई महीनों में नहीं बने हैं, इस बारे में उनका पक्ष जानने के लिए ओल्ड जॉन की संयुक्त आयुक्त डॉ शिखा व तोड़फोड़ विभाग के एसडीओ सुमेर सिंह को कई -कई बार फोन किया गया, ताकि उनका इस बारे में पक्ष जान से सकें, की अब तक उन्होनें क्या कार्रवाई की हैं, अगर उनके पास सही जानकारी हैं तो बता दें ,या इनमें से एकाद मामले में उनके जानकारी न भी हो,वह भी जान सके। लेकिन इन दोनों अधिकारियों में से एक भी अधिकारी ने एक बार भी फोन बिल्कुल नहीं उठाया, इससे यही साबित होता हैं कि इनके क्षेत्र में बन रही सभी के सभी अवैध दुकानें इन्ही की मिलीभगत से बन रही हो। खबर के अनुसार पल्ला क्षेत्र के अंतर्गत तिलपत रोड पर दो स्थानों लगभग 10 दुकानें बन कर तैयार हो गई, इनमें से 6-7 दुकानें एक साथ में हैं, और 4 दुकानें एक साथ में हैं, इसके अलावा सेहतपुर बंद रोड पर एक साथ में 6 से 7 अवैध दुकानें बन गई , इसके साथ में एक बड़ी शोरूम भी बन रही हैं, मामला यही नहीं थम रहा हैं, एदमादपुर, धीरज नगर और जरा उसके आगे पीछे कई बड़ी- बड़ी दुकानें बन गई, पर इसके खिलाफ कार्रवाई करने वाला कोई नहीं हैं। नहरपार के क्षेत्र में भी कई अवैध निर्माण हैं। और अब तो कई अवैध निर्माण बन कर तैयार भी हो चुके हैं।
एनआईटी के बड़खल क्षेत्र में कल हुई तोड़फोड़ के दौरान ओल्ड जॉन के तोड़फोड़ विभाग के एसडीओ सुमेर सिंह से एकदम से अचनाक मुलाकात हुई, में उन्होनें कहा कि वह ओल्ड नगर निगम जॉन के तोड़फोड़ विभाग में एसडीओ जरूर हूँ, पर मेरे पास साधन के नाम पर कुछ भी नहीं हैं, न तो खुद के लिए कोई गाडी हैं निगम की तरफ से, नाही उनके पास ट्रक हैं,ऐसे में अवैध कब्जे कैसे हटाएंगे, विभाग के पास एक तो ट्रक होना चाहिए, उनके पास 11 जई हैं , सभी के सभी वार्डों में लगे रहते हैं , जब उन्हें बुलाता हूँ, वह लोग उन्हें यही कह देते हैं, कि वह अपने वार्ड में ये काम करवा रहा हूँ , कभी कह देता हैं कि वह काम करवा रहा हूँ , कोई उनकी बात सुनता नहीं, तोड़फोड़ विभाग के पास अपना कोई जई नहीं हैं, जो होना चाहिए। इन हालतों में वह अपना काम कैसे कर सकतें हैं कभी अफसर का फोन आ जाता हैं, और वह बुलाते हैं, तो किसी के बाइक पर बैठ कर वह चले जाते हैं,विभाग में कोई भी काम नहीं हो रहा हैं, ऐसे में लोगों की शिकायतें कैसे निपटाएंगे।
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