अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: आगामी 6 अक्टूबर से साइबर जागरूक करते हुए हर महीने के पहले बुधवार को सुबह के 11 बजे से एक घंटे के लिए साइबर क्राइम के बारे में जागरूक किया जाएगा। जैसा कि आपको ज्ञात है, गृह मंत्रालय साइबर अपराधों से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र नामक एक स्कीम का कार्यान्वयन कर रहा है। मंत्रालय ने नागरिकों द्वारा साइबर अपराध से संबंधित शिकायतें दर्ज करने में सुगमता हेतु कहीं भी,कभी भी आधार पर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल विकसित किया है। साइबर अपराध की रोकथाम के लिए, जन सामान्य में नियमित अंतराल पर आईसीटी डिवाइसेस की मूलभूत देखभाल करते रहने की आदत डालकर, साइबर हाइजीन का बढ़ाया जाना नितांत आवश्यक है।
साइबर जागरूकता दिवस के अवसर पर फरीदाबाद पुलिस ने साइबर अपराधों से जुड़े समस्या व समाधान के विभिन्न पहलुओं पर जनहित में एडवाइजरी जारी की है। जैसा कि सब जानते हैं पिछले कुछ समय से दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऑनलाइन की ओर आम जनों का रुझान बढ़ा है। जिसके कारण अपराधी साइबर धोखाधड़ी को एक संगठित अपराध के रूप में अंजाम दे रहे हैं। शहरवासी ऐसे अपराधियों से बच सके, इसके लिए पुलिस की ओर से भी समय-समय पर मीडिया व अन्य माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता रहा है। साइबर ठग भी आए दिन कुछ न कुछ नए तरीके से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। मोबाइल फोन में फेक एप डाउनलोड करने के साथ इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फेक न्यूज चलाकर एवं फेक पोस्ट अपलोड कर और फर्जी व्हाट्सप्प मैसेज और फेक कस्टमर कॉल के जरिए एवं तरह-तरह की सरकारी अथवा निजी संस्थानों में नौकरी का लोकलुभावन झांसा देकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। किसी भी फर्जी लिंक पर क्लिक ना करें, इससे आपका पीसी या मोबाइल हैक हो सकता है। यहाँ तक कि ऑनलाइन शॉपिंग में लोगों को सस्ते कीमतों पर उनकी मनपसंद वस्तुओं को खरीददारी का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी की जाती है। मोबाईल इंटरनेट उपयोगकर्ता को लॉटरी लग जाने के फर्जी मैसेज भेज कर साइबर ठग प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहते हैं। और लोग लाखों का लॉटरी लग जाने के चक्कर में ठगों को पैसे भेज भी देते हैं। एक बार पैसे भेजने के बाद फिर ठगी करने वाले का मोबाइल बंद हो जाता है। और लोग हार कर पुलिस के पास अपनी व्यथा सुनाते हैं तथा पैसे वापस दिलाने का आग्रह करते हैं। साइबर अपराधी पैसों की ठगी के साथ-साथ फेसबुक, व्हाट्सप्प व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट किए हुए तस्वीरों से छेड़छाड़ कर महिलाओं को भी ब्लैकमेल करते हैं। लोगों को एटीएम बंद हो जाने का झांसा देकर उनके खाते से जुड़ी सभी जानकारी हासिल करने उपरांत खाताधारकों के बैंक खाते से पैसे उड़ा ले जाते हैं। अपने पर्सनल लैपटॉप या कम्प्यूटर से ही नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें। अपने कम्प्यूटर और मोबाईल के सुरक्षा संबंधी सॉफ्टवेयर व एप्लीकेशन को अप-टू-डेट रखें। फरीदाबाद पुलिस ने उपरोक्त सभी प्रकार की धोखाधड़ी व ठगी से बचने के लिए लोगों से आग्रह किया है कि इंटरनेट का उपयोग करते समय उपयोगकर्ता को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी तरह के लुभावने ऑनलाइन मैसेज से बचें। बैंक खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति से मोबाईल फोन, इंटरनेट अथवा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा ना करें। बैंक खाते के लेन-देन से संबंधित ओटीपी किसी के साथ साझा ना करें। क्रेडिट व डेबिट कार्ड का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतें। कहीं ऐसा ना हो कि ठग आपके कार्ड को स्कैन करने में कामयाब हो जाएं। मोबाईल एवं कम्प्यूटर में नेटबैंकिंग का उपयोग करते समय ध्यान रहे कि सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग ना करें। हैकर्स आपके फोन में malicious software के द्वारा आपके फोन का डाटा चुरा लेंतें है फिर वह उसका गलत इस्तेमाल करतें है इसलिए अपनें मोबाईल फोन, कम्युटर , कम्पयुटर टैब इत्यादि जो डिवाईस इन्टरनेट पर कार्य करतें है उनको समय समय पर अपडेट करके रखें । एटीएम बूथ पर पैसे निकालते समय किसी अनजान व्यक्ति से सहयोग ना लें तथा किसी भी व्यक्ति को अपने कार्ड पर लिखे नंबर, एक्सपायरी डेट, कार्ड के पीछे लिखे सीवीवी नंबर ना ही दिखाये, ना ही बताये। किसी भी लुभावने मैसेज और ई-मेल पर विश्वास ना करें। महिलाओं को सोशलमीडिया पर अपनी तस्वीर साझा करते समय अपनी निजता का ध्यान रखना चाहिए। फेसबुक पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट ना तो स्वीकार करें और ना ही किसी अनजान को रिक्वेस्ट भेजें। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि साईबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए फरीदाबाद पुलिस को सहयोग करें तथा किसी प्रकार का साईबर अपराध होने पर साईबर क्राइम यूनिट, हरियाणा के नंबर 155260 पर एवं साईबर अपराध थाना, फरीदाबाद में जाकर तुरंत सूचना दें। इसके अलावा साईबर अपराध की शिकायत के लिए ऑनलाईन वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।