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टेक्नोलॉजी फरीदाबाद

फरीदाबाद: अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के उपलक्ष में कुलपति प्रो. तोमर ने की घोषणा।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भूमिका को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के उपलक्ष में ‘जे.सी. बोस जर्नल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ शुरू करने की घोषणा की है। यह घोषणा कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने आज यहां विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) व महिला प्रकोष्ठ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए की। इस अवसर पर डॉ. बी.आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सोनीपत की कुलपति डॉ. अर्चना मिश्रा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहीं। कार्यक्रम में राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ की प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) वनिता और प्रतिष्ठित लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती जयमाला तोमर सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष प्रो नीतू गुप्ता ने किया।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. तोमर ने कहा कि जे.सी. बोस जर्नल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी का संचालन, संपादन एवं प्रबंधकीय कार्य विश्वविद्यालय की महिला संकाय सदस्यों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाएं और लड़कियां दुनिया की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं और वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, इसलिए उनकी भागीदारी को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज में निर्णायक भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने की जरूरत है और उन्हें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि विश्वविद्यालय के 15 में से आठ शिक्षण विभागों का नेतृत्व महिला संकाय कर रही हैं। प्रो. तोमर ने कहा कि समाज में विशेषकर मां के रूप में महिलाओं का योगदान अतुलनीय है। वे समर्पण और सहनशीलता की प्रतीक हैं और यह दिन जो महिलाओं के लिए है, दुनिया भर की सभी माताओं को समर्पित है।
अपने संबोधन में डॉ. अर्चना मिश्रा ने कहा कि दुनिया की आधी आबादी अर्थात महिलाओं की कई दशकों तक अनदेखी हुई है,

लेकिन अब महिलाओं की नई पीढ़ी सामाजिक बंधनों को तोड़कर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि समाज में पुरुष सत्तात्मक प्रवृत्ति को शिक्षा के माध्यम से ही बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भूमिका बढ़ती है तो इससे देश की प्रगति को गति मिलेगी क्योंकि एक महिला को शिक्षित करने का अर्थ है परिवार, राष्ट्र और समाज को शिक्षित करना है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमती जयमाला तोमर ने समाज में महिलाओं की भूमिका का वर्णन करते हुए कहा कि एक अशिक्षित महिला भी अपने बच्चों के जीवन को संवारने की क्षमता रखती है। समाज में महिलाओं के योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने एक सुंदर कविता ‘माँ’ भी प्रस्तुत की। बाद में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो वनिता ने महिला दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को डॉ.तृप्ता ठाकुर ने भी संबोधित किया। इससे पहले प्रो. नीतू गुप्ता ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रम और गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया। अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं जिसमें रंगोली प्रतियोगिता, कविता प्रतियोगिता और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों द्वारा गीत, कविता, मोनो एक्ट और नृत्य के रूप में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के अंत में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को अतिथियों ने सम्मानित किया।

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