अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग तथा टीईक्यूआईपी प्रकोष्ठ द्वारा ‘इंजीनियरिंग में एप्लीकेशन आधारित तकनीकों में आये बदलावों’ को लेकर विश्वविद्यालय के फैकल्टी सदस्यों के ज्ञानवर्धन के लिए आयोजित एक सप्ताह का एफडीपी कार्यक्रम आज प्रारंभ हो गया। कार्यक्रम में 50 से अधिक फैकल्टी सदस्य हिस्सा ले रहे है।
कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को विभिन्न अनुप्रयोगों के बारे में जागरूक बनाना है जो प्रौद्योगिकी आधारित है तथा उन्हें संबंधित क्षेत्र में अनुसंधान के लिए प्रेरित करना है, जिससे विद्यार्थी तथा समाज भी लाभान्वित होगा। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग डॉ. मनीष वरिष्ठ ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम शिक्षकों के अध्यापन कौशल को बढ़ाने में मददगार होते है। सत्र के मुख्य वक्ता विज्ञान भारती, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार में वरिष्ठ वैज्ञानित डॉ अरविंद राणाडे ने सनस्पॉट चक्र तथा उपग्रह संचार व मानव जीवन पर इसके प्रभावों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। सत्र को कुलसचिव डॉ. एस.के. शर्मा, अधिष्ठाता डॉ. तिलक राज तथा डॉ. विक्रम सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अर्चना अग्रवाल तथा भारत भूषण द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. एस. के अग्रवाल तथा डॉ. आरती भी उपस्थित थे।