अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: नेहरू गाउंड स्थित सावित्री पॉलीटेक्निक फॉर वूमेन में ईसीसीई पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की कड़ी में यह पांचवा सेमिनार का आयोजन था जिसका मुख्य विषय था कौशल का महत्व डिग्री/डिप्लोमा से अधिक होता है। पॉलिटेक्निक के सीएमडी एस एन दुग्गल ने कहा कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा का बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। कोई भी टेक्नोलॉजी अध्यापक का स्थान नहीं ले सकती। नर्सरी अध्यापिका बच्चों के लिए दूसरी मां की भूमिका अदा करती है।
बच्चे के भविष्य की नींव का प्रारंभ पूर्व प्राथमिक शिक्षा से होता है। एक शिक्षक में धैर्य, मधुर भाषा, सहानुभूति, आत्मविश्वास एवं प्रभावी संप्रेष्ण कौशल का होना अत्यंत आवश्यक है। इस सेमीनार में ईसीसीई की छात्राओं में संगीता, जगजीत, अनुराधा, रूपाली, सोनल, ज्योति, गीता, सतनाम, चेतना, लता, रोहिता, कमलेश, सुशीला और प्रिया ने प्री स्कूल एवं टीचर के गुण, कार्य एवं कौशल के बारे में अपने विचार प्रकट किये। अध्यापिका कुमारी रितु पुरी ने बताया कि कौशल की योग्यता का हम कागज पर मूल्यांकन नहीं कर सकते। डिप्लोमा एवं डिग्री केवल सैद्धांतिक ज्ञान का मूल्यांकन है। कौशल ही है जो एक व्यक्ति को संवेगात्मक एवं वित्तीय रूप से विकास करने में सहायता करता है। इसलिए कौशल जीवन रूपी दौड़ को जीतने के लिए महत्वपूर्ण है। संस्थान की प्रधानाचार्य कमलेश शाह ने कहा कि प्री स्कूल के बच्चे में होने वाले क्रियाकलाप क्रमबद्ध रूप से होने चाहिए तांकि यही बच्चे की भविष्य को मजबूत बनाते हैं। इस सेमीनार में पॉलिटेक्निक की सभी छात्राओ तथा अध्यापकों ने भाग लिया। मंच का संचालन कुमारी रितु पुरी ने किया और आए हुए सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।
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