अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मुआवजे की मांग को लेकर ग्राम अजरौंदा और दौलताबाद के लोगों ने 14 दिसम्बर से लघु सचिवालय पर धरना प्रदर्शन करने का मन बना लिया है। यह जानकारी देते हुए अजरौंदा गांव के समाजसेवी बीरेंद्र गौड़ ने बताया कि किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल आज ह श वि प्रा प्रशासक से मिला और उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार बढ़े हुए मुआवजे के ना मिलने पर अपना रोष प्रकट करते हुए एक ज्ञापन सौंपा जिसमें मांग की गई कि यदि 14 दिसम्बर तक उन्हें बढ़े हुए मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं किया गया तो दोनों गांवों के प्रभावित किसान पुनः लघु सचिवालय और ह श वि प्रा प्रशासक कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।
ज्ञात हो कि सरकार द्वारा सेक्टर 20ए और 20बी के लिए इन गांवों की जमीन का अधिग्रहण सन 1995 में किया गया था जिसके मुआवजे की बढ़ोतरी के लिए वर्षों तक किसानों ने संघर्ष किया जिसके फलस्वरूप मार्च 2019 में उच्चतम न्यायालय ने 415 रुपये प्रति वर्ग गज के मुआवजे की बढ़ोतरी कर सरकार को इसके भुगतान के आदेश दिए। तब से इस मुआवजे के भुगतान के लिए प्रभावित किसान ह श वि प्रा मुख्य प्रशासक से लेकर उपायुक्त फरीदाबाद और सरकार में विधायक व सांसद का दरवाजा खटका चुके हैं परन्तु कोई नतीजा नहीं निकला। इस बावत प्रभावित किसानों ने अगस्त में लघु सचिवालय पर 15 दिनों तक धरना दिया था जिसमें ह श वि प्रा प्रशासक व जिला उपायुक्त ने 30 दिनों में मुआवजे की रकम का भुगतान करने का आश्वासन दिया था
परन्तु तीन महीने बीत जाने के बाद भी किसान मुआवजे के भुगतान को लेकर दर दर भटक रहे हैं। किसानों ने ह श वि प्रा प्रशासक पर पक्षपात और भर्ष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की भरष्ट नीतियों, नीयत और सांठगांठ के चलते एक व्यक्ति को 1करोड़ 2 लाख 68 हजात 141 रुपये की पेमेंट की गई है जबकि अन्य किसानों को टरकाऊ नीति के चलते ना तो कोई भुगतान नहीं किया गया और ना हि कोई ठोस आश्वासन दिया गया है। आज के प्रतिनिधिमंडल में किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष अमर सिंह मलिक, नरवीर सिंह, साधु राम सैनी, समुंदर सिंह भांकड, महावीर सैनी, टेक चंद सैनी, लाल सिंह परसवाल एडवोकेट, लाल सिंह प्रधान ने भाग लिया।