अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: एनआईटी साइबर थाना पुलिस की टीम ने आज जामताड़ा, देवघर , झाड़खंड, पंजाब , से 7 साइबर ठगों को अरेस्ट किया हैं। ये ठग लोग ब्रांडेड कंपनियों के कस्टमर में अपना फर्जी मोबाइल नंबर दर्ज कराकर, एनी रैस्ट डेस्क एप्प डाउनलोड करा कर आमजनों के बैंक खातों को बिल्कुल खाली कर देते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से वारदात में इस्तेमाल की गई 5 मोबाइल फोन व 47000 रुपए बरामद किए हैं। ये खुलासा आज एसीपी साइबर क्राइम अभिमन्यु गोयत ने एनआईटी साइबर थाना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किए।
एसीपी साइबर क्राइम अभिमन्यु गोयत ने आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अरेस्ट आरोपितों के नाम दिलकश अंसारी, मिस्टर अंसारी, शमशाद नूरानी, सरफराज अंसारी, सूरज कुमार, गगन गिल और मुस्ताक आलम उर्फ अरमान है। गोयल ने कहा कि साइबर थाना प्रभारी व निरीक्षक बसंत कुमार की देखरेख में उप- निरीक्षक राजेश, सहायक उप निरीक्षक सत्यवीर, सिपाही अमित, सिपाही युदवीर, सिपाही अंशुल कुमार, महिला सिपाही प्रीति की टीम ने आरोपितों को अपने सूत्रो से प्राप्त सूचना से आरोपित दिलकश अंसारी, मिस्टर अंसारी, शमशाद नूरानी, सरफराज अंसारी झारखंड के देवघर जिले के, आरोपितों सूरज कुमार और गगन गिल पंजाब के लुधियाना जिले के तथा मुस्ताक आलम उर्फ अरमान झारखंड जिले के हजारीबांग जिले का रहने वाला है। आरोपितों ने सर्च इंजन गुगल पर बड़ी-बड़ी प्रतिष्ठित कम्पनीयों जैसे Amazon, Flipkart, Snap Deal एवं Meesho ईत्यादी के कस्टमर केयर में अपना फर्जी मोबाइल नम्बर दर्ज कराया हुआ था। यदि कोई कस्टमर गुगल से इन कम्नीयों के कस्टमर केयर का नम्बर सर्च करता तो उसे फ्रौड़स्टर द्वारा गुगल पर दर्ज कराया हुआ उनका नम्बर मिलता और वह कस्टमर उस नम्बर पर कॉल करता तो वह फ्रौड़स्टर कस्टमर के मोबाइल में एनी-डैस्क या रैस्ट डैस्क एप्प डालनलोड कराकर कस्टमर का बैंक खाता खाली कर देते थे। इसी प्रकार उक्त फ्रौड़स्टरों ने सुधा शर्मा निवासी सैक्टर- 21 डी फरीदाबाद को झांसा देकर 4,16,000/- रूपए की धोखाधड़ी से हड़प की वारदात को अंजाम दिया था। जिसपर थाना साइबर एनआईटी में मुकदमा कर आरोपित दिलकश अंसारी, मिस्टर अंसारी, शमशाद नूरानी, सरफराज अंसारी को झारखंड देवघर, सूरज कुमार, गगन गिल को पंजाब के लुधियाना जिले से तथा मुस्ताक आलम उर्फ अरमान झारखंड के हजारीबांग से अरेस्ट किया है। आरोपितों से पूछताछ में सामने आया कि आरोपितों ने थर्ड पार्टी एप के माध्यम से निजी जानकारी हासिल करते है। कस्टमर के बैंक खाते को खाली कर लेते है। आजकल के आधुनिक दौर में प्रत्येक व्यक्ति समय के अभाव में ऑनलाईन खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे है लेकिन कोई समस्या होने पर किसी ऑफिस में जाने की वजह गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर ढूंढते है साइबर ठगों ने कस्टमर केयर के नंबर की जगह अपना नंबर डाला हुआ है जिसे जानकारी के अभाव में असली कस्टमर केयर का नंबर समझ लेते हैं व साइबर ठगी के शिकार बना लेते है। शिकायकर्ता से रस्क डेस्क नाम की एक ऐप डॉउनलाड करा 10 रुपये का ऑनलाईन पेमेंट करने के लिए कहा। शिकायतकर्ता द्वारा एप डॉउनलोड करते ही उसके फोन का एक्सेस फ्रॉडस्टर के पास चला गया और उसने शिरायतकर्ता की जानकारी हासिल करके धोखाधड़ी से करीब 4,16,000/- रुपये ठग लिए । आरोपित दिलकश अंसारी, मिस्टर अंसारी, शमशाद नूरानी औऱ सरफराज अंसारी कॉलर बनकर लोगो से जानकारी लेते थे -आरोपित सूरज कुमार औऱ गगन गिल बैक खाते उपलब्ध कराते थे। आरोपित मुस्ताक आलम उर्फ अरमान अकाउंट रिसीवर का काम करता है। आरोपित मुस्ताक को 21 जून को अरेस्ट किया गया था। आरोपित को 3 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपित सूरज को पूछताछ के बाद अदालत में पेश कर जेल भेजा गया तथा आरोपित गगन को 27 जून तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपित दिलकश अंसारी, मिस्टर अंसारी, शमशाद नूरानी और सरफराज अंसारी को गत 12 जून को अरेस्ट किया गया था। आरोपितों को 27 जून तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपितों से अभी तक पूछताछ से वारदात में प्रयुक्त 5 मोबाइल फोन व ₹ 47,000/- नकद बरामद किए गए है। अन्य आरोपितों को पुलिस रिमांड पूरा होने के पश्चात जेल भेजा जाएगा। मामले में जांच जारी है, अन्य वारदात में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश जारी है जल्द अरेस्ट किया जाएगा।
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