अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: आर्थिक अपराध शाखा सेंट्रल की टीम ने आज फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इंडियन ओवरसीज बैंक से 48 लाख रुपए का लोन लेकर फरार होने के मामले में एक आरोपित को दिल्ली से अरेस्ट किया है। अरेस्ट आरोपित का नाम योगेश है जो नई दिल्ली के नांगलोई का रहने वाला है। पुलिस ने वर्ष- 2023 में दर्ज एक मुकदमे में इस आरोपित को अरेस्ट किया गया है। बाकी के अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही हैं।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अरेस्ट किए गए आरोपित का नाम योगेश है जो नई दिल्ली के नांगलोई का रहने वाला है। आरोपित योगेश इस मामले के मुख्य आरोपित संजीव के पास नौकरी करता है। आरोपित संजीव ने योगेश के नाम पर एक फर्म रजिस्टर्ड कराई और उस फर्म के नाम पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र की दिल्ली की विकासपुरी शाखा में एक बैंक खाता खुलवाया। इसके बाद आरोपित संजीव ने अपने पास काम करने वाले दूसरे व्यक्ति सोनू को राजेश सभरवाल बनाकर बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र की इसी विकासपुरी शाखा में एक ओर बैंक खाता खुलवाया। इसके बाद आरोपितों ने दिल्ली के पंजाबी बाग में एक फर्जी सेल डीड रजिस्टर करवाई और उस सेल डीड के आधार पर दिसंबर 2021 में फरीदाबाद के सेक्टर- 12 स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक से 48 लाख रुपए का लोन लेकर उसे पहले योगेश के खाते में डलवाया और उसके बाद राजेश सभरवाल के खाते में ट्रांसफर करवा सारे पैसे निकलवा लिए। आरोपितों ने बैंक में एक दो किस्त भरी और उसके बाद में किस्त भरना बंद कर दी। इसके पश्चात बैंक ने इन्हें नोटिस भेजने शुरू कर दिया परंतु जिस पते पर नोटिस भेजा गया वह फर्जी निकला। बैंक मैनेजर की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर अगस्त 2023 में आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच की गई जिसमें आर्थिक अपराध शाखा ने सभी पहलुओं की गहनता से जांच करने के पश्चात मामले में शामिल आरोपित योगेश को आज दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को अदालत में पेश करके तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है जिसमें पूछताछ के दौरान सामने आया कि आरोपित संजीव की दिल्ली में एक केमिकल फैक्ट्री है जहां पर योगेश और उसके अन्य साथी काम करते थे। आरोपित संजीव इनकी फर्जी फॉर्म रजिस्टर करवारकर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देता था। आरोपितों द्वारा गुरुग्राम में भी इंडियन ओवरसीज बैंक में इस प्रकार की धोखाधड़ी की करीब 10 वारदातें की गई है जिनकी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है। पुलिस रिमांड के पश्चात आरोपित को जेल भेजा जाएगा और उसके साथियों की तलाश कर उनकी धरपकड़ की जाएगी।
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