अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपने तो बेरोजगार तो कर दिया और अब इक्छामृत्यु भी दे दो या तो उनकी दुकानों में बिजली के कनेक्शन दे दो। क्यूंकि मैं वर्ष -2015 से अदालत में केस लड़ा और जितने के बाद भी वह नगर निगम व बिजली विभाग के चक्कर काट काट कर परेशान हो चुके हैं पर अब उसे जिन्दा रहने का बिल्कुल मन नहीं करता हैं। इस संबंध में नगर निगम के अधिशासी अभियंता रमेश बंसल का कहना हैं कि इन लोगों की मांग बिल्कुल जायज हैं, उनकी इस समस्याओं को अगले 4 से 5 दिनों में दूर कर दिया जाएगा।
एनआईटी फरीदाबाद के एनएच -1 सी, मकान नंबर -17 ,नियर बस स्टेण्ड निवासी विपिन भाटिया ने 30 जनवरी -2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखेपत्र में कहा हैं कि आपने तो बेरोजगार तो कर दिया और अब इच्छामृत्यु भी दे दो या तो बिजली के कनेक्शन दे दो। विपिन भाटिया,संदीप भाटिया, रविंद्र चिटकारा,प्रीतम,राकेश भाटिया, धर्मवीर, दीपक तनेजा,सुमित अरोड़ा,नरेश कुमार, सतीश आर्य, किशन अदलखा, रमेश कपूर,सतपाल भाटिया का कहना हैं कि वह लोग 236 खोखाधारी हैं जिसमें पंचर की दुकान लगाते हैं और लोग भी छोटे -छोटे कारोबार करके पिछले कई सालों से अपने परिवारों का पालन पोषण करते थे।
उपरोक्त लोगों का कहना हैं कि वह सभी दुकान हाईकोर्ट से केस जीत गए थे और हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिया था कि इन सभी लोगों के खोखे को तोड़ कर,इन लोगों को पक्के दुकानों को बना कर दिए जाए और उसकी कीमत इन लोगों से ले लिए जाए। उनका कहना हैं कि अदालत के आदेश का पालन करते हुए 5 अप्रैल 2015 को नगर निगम प्रशासन ने उनके खोखों को तोड़ दिया। इसके बाद वह लोग कभी नक्से को लेकर, कभी पोजीशन लेटर को प्राप्त करने को लेकर कई महीनों तक लगातार चककर काटते रहे, इस दौरान उनका धंधा पानी बिल्कुल बंद रहा।
भाटिया का कहना हैं कि 12 अगस्त 2016 को 17, के बाद 149 दुकानों को पोज़िशन लेटर काफी चककर लगाने के बाद नगर निगम ने दे दिया जबकि वहा पर तक़रीबन 295 दुकाने बनाई गई हैं। उनका कहना हैं कि जो दुकाने निगम ने दिए हैं उसकी कीमत निगम को दुकानदारों ने दे दी हैं पर इन दुकानों में आज तक बिजली के कनेक्शन नहीं दिए गए जिसकी वजह से उन्हें भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा हैं जब भी नगर निगम के अधिकारी से वह लोग मिलने हेतु ठीक तरीके से बातचीत नहीं करते हैं।
उनका कहना हैं कि डवलपमेंट को लेकर नगर निगम के साथ उनका एक एग्रीमेंट हुआ था जिसका पैसा उन लोगों को देना हैं पर नगर निगम ने डवलमेंट के नाम 45 लाख रूपए बना दिए जोकि एक साथ देने की बात कह रहे हैं। उनका कहना हैं कि वह लोग पिछले कई सालों से पंचर लगा कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हुए आ रहे हैं ऐसे में खोखाधारी लोग एक साथ 45 लाख रूपए भला कैसे दे सकतें हैं जोकि उनके लिए बहुत बड़ी परेशानी की बात हैं। उनका कहना हैं कि वह लोग पिछले वर्ष 23 जुलाई -2017 को मुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए खुले दरबार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर से मिले और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया उस पर अमल करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सम्बंधित अधिकारीयों 31 जुलाई 2017 तक बिजली देने के आदेश दिए थे वावजूद इसके 166 दुकानदारों को बिजली के कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। उन लोगों का कहना हैं कि वह लोग निगम को पैसा देना चाहते हैं बाकयदा वह लोग चाहते हैं कि शिविर लगा एक -एक दुकानदारों से साथ के साथ ले लें। क्यूंकि वह इतना बड़ा अमाउंट एक साथ एकत्रित नहीं कर सकते।
विपिन भाटिया का कहना हैं कि कोर्ट व नगर निगम विभाग के पिछले कई वर्षों से लगातार चककर लगा -लगा कर, वह बिल्कुल परेशान हो चुके हैं। इस वजह से उन्होनें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय पर गए थे और उनसे दरखास्त देकर बिजली के कनेक्शन दे दो या इकचामृत्यु दे दो की मांग की थी। इस प्रकरण में atharv news ने बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता मुकेश गुप्ता से बातचीत की तो उनका कहना हैं कि उनके हाथ में कुछ भी नहीं हैं क्यूंकि यह कार्य डेवलपर का हैं जब भी डेवलपर बिजली विभाग में पैसा जमा करा देगा। वह पुरे ब्यवस्थित तरीके से वहां पर दुकानदारों को बिजली उपलब्ध करा दी जाएगी।उधर, नगर निगम के अधिशासी अभियंता रमेश बंसल का कहना हैं कि यह सभी लोग मंगलवार को नगर निगम के कमिश्नर मोहम्मद साइन से मिले थे और उनकी बातचीत अभी चल रहीं हैं उनकी मुश्किलें बिल्कुल जायज हैं और इसे अगले 4 -5 दिनों में खत्म कर दिया जाएगा।