अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : एक प्रोपट्री डीलर की शातिर खोपड़ी ने उसे तो करोड़ पति तो बेशक बना दिया लेकिन जब वह अपने बुने हुए जाल में उलझा तो अपने साथ में 6 और प्रॉपर्टी कारोबारी को अपने चपेट में ले लिया और अब सभी प्रॉपर्टी कारोबारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्यूंकि कोतवाली थाने मे प्रॉपर्टी कारोबारी नरेश भाटिया, मोहित मदान, पत्नी शीतल मदान,सतिंदर छाबड़ा, नरेश आहूजा व अन्य के खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत धोखाधड़ी और विश्वातघात करने का मुकदमा दर्ज किया हैं। वहीँ,नरेश भाटिया का कहना हैं कि उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं,वह आरोप गलत व निराधार हैं। इस केस से उनका कोई लेना देना नहीं हैं। मोहित मदान व शीतल मदान से उस जमीन के एवज में 70 लाख रूपए जो एडवांस के तौर पर लिए थे। उसे वह बैंक के जरिए लौटा चुके हैं, उनके व मेरे बीच में जो एग्रीमेंट हुए थे वह अब रद्द हो चुका हैं। उनका कहना हैं कि इसके आगे की कहानी उन्हें नहीं मालूम।
कोतवाली थाने में दर्ज एक मुकदमे में कहा हैं कि उसका नाम जितेंद्र सिंह हैं और वह एनएच 5 ब्लॉक जे ,मकान न. 33 का रहने वाला है। उनका कहना हैं कि किशोर भार्गव आईयूएफ वजरिये कर्ता आकाश ने नरेश भाटिया निवासी मकान नंबर -200 /1 सी एनआईटी फरीदाबाद के साथ नेहरू ग्राउंड स्थित एक प्रॉपर्टी का एग्रीमेंट 4 करोड़ 38 लाख रूपए में 21 अक्टूबर 2016 को किया था। इसके बाद नरेश भाटिया ने उस प्रॉपर्टी में से 300 वर्ग गज ग्राउंड फ्लोर का सौदा मोहित मदान व शीतल मदान निवासी एनएच 5 ए मकान नंबर -148 ,एनआईटी फरीदाबाद से दो करोड़ 68 लाख रूपए में कर दिया।
इस एग्रीमेंट के दौरान 70 लाख रूपए बयाना के तौर पर नरेश भाटिया ने लिया था। इसके बाद मोहित मदान ने सतिंद्र छाबड़ा को दो करोड़ 81 लाख रुपए में आगे एग्रीमेंट कर किया। इस जगह का सौदा प्रॉपर्टी डीलर नरेश आहूजा के जरिए किया गया था। क्यूंकि मोहित मदान का अच्छा दोस्त व पडोसी हैं और उसका प्रॉपर्टी का कारोबार भी वहीँ देखता था। रजिस्ट्री के देर होने की वजह एचयूएफ का प्रॉपर्टी होना बताया जा रहा था।
इस कारण से मोहित मदान को नरेश भाटिया ने उनके एडवांस में लिए गए 65 लाख रूपए बैंक के जरिए लौटा दिए और किए गए एग्रीमेंट को रद्द कर दिया। जांच के दौरान पता चला की नरेश आहूजा ने सतेंद्र छाबड़ा से 81 लाख रूपए बयाना के तौर पर लिए थे। उन सभी पैसों को नरेश आहूजा ने अपने पास ही रख लिया। इनमें से 10 लाख रूपए नरेश आहूजा के खाते में गए और 70 मोहित मदान को एक भी पैसा ब्याना के नहीं मिले और धोखे से उनसे एग्रीमेंट साइन करा लिया। मोहित मदान व शीतल मदान ने सतिंद्र छाबड़ा के 81 लाख रूपए नहीं लौटाए। उधर,मोहित मदान का कहना हैं कि प्रॉपर्टी कारोबारी नरेश आहूजा मेरा अच्छा दोस्त व पडोसी हैं पर उसने एक सच्चे दोस्ती का कत्ल करके उन्हें गुमराह किया हैं। उनका कहना हैं कि नरेश आहूजा ने धोखे से एकाद पेपर पर साइन उनसे करवाए थे। इसके आगे की जो भी एग्रीमेंट हैं,वह सभी के सभी एग्रीमेंट फर्जी हैं। उनका कहना हैं कि सतिंदर छाबड़ा से किए गए एग्रीमेंट के बदले में उन्हें एक भी पैसे नहीं मिले हैं जो भी पैसे एग्रीमेंट के वक़्त मिले होंगें। वह सारे के सारे पैसे नरेश आहूजा को ही मिले हैं।