अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: यमुना नदी के पार डूब क्षेत्र में गांव अमीपुर की एग्रीकल्चर की जमीनों पर अवैध रूप से फ़ार्म हाउसोंकी प्लॉटिंग कर, उसमें खूबसूरत पार्क डेबलप करके 40 से 50 लाख रूपए प्रति फार्म हाउस के हिसाब से खुलमखुला बेचा जा रहा हैं। जोकि आमजनों को खुलेआम लूटने और वेवकूफ बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा हैं। ये जगह अगर आप एक बार देख ले तो, वहां से आपको बिल्कुल लौटने का मन नहीं करेगा, लगेगा की आप वहीँ के होकर रह जाए हैं। इतना ज्यादा सुंदर तरीके से कई एकड़ जमीनों को सजाया गया हैं। असल में ये स्थान गांव अमीपुर के अंतिम छोड़ पर हैं, इससे थोड़ा और आगे आप जाएगें तो ग्रेटर नॉएडा, उत्तरप्रदेश पहुंच जाएगें।
इस मामले में तिगांव थाने के एसएचओ योगिंद्र सिंह का कहना हैं कि लगभग दो-ढाई महीने पूर्व में उनके पास गांव अमीपुर, यमुनापार के डूब क्षेत्र में बड़े पैमाने पर एग्रीकल्चर की जमीनों पर अवैध रूप से फार्म हाउसों की प्लॉटिंग करके उसमें पार्क डेवलप करके आमजनों को बेचने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा हैं, की सूचना, बल्कि शिकायत आई थी, इस सूचना को उन्होनें आगे बढ़ाते हुए संबंधित विभाग डीटीपी इंफोर्स्मेंट विभाग को दे दी थी। इस मामले में डीटीपी इंफोर्स्मेंट राजेंद्र टी शर्मा का कहना हैं कि उनके पास जो शिकायतें आई थी, उसकी जांच की जिम्मेदारी उन्होनें तुरंत ही इलाके के सम्बन्धित कनिष्ठ अभियंता ॐ प्रकाश को सौप दी। सबसे पहले उनकी टीम ने मौके का मुआयना किया।
मुआयना करने के बाद देखा गया की यहां पर कानून -नियमों की अनदेखी करके पहले फ़ार्म हाउसों की प्लॉटिंग की गई हैं और फिर उसमें पार्क डेवलप की गई और काफी अवैध निर्माण किए गए हैं। इसके बाद इस स्थान की पटवारी से रिपोर्ट मांगी थी जो उनके पास आ गई हैं। इससे जमीन मालिकों की पहचान हो गई हैं। उनका कहना हैं कि इन सभी प्लाट मालिकों को अभी तक विभाग की तरफ से दो नोटिस जारी किए गए हैं। अंतिम नोटिस में आदेश पारित किया गया हैं कि आप अपने आप किए गए सभी-सभी अतिक्रमण और अवैध कब्जे को तुरंत हटा लें, अन्यथा विभाग द्वारा किए गए सभी निर्माणों को तोड़ दिया जाएगा। उनका कहना हैं कि इसमें कुल 16 प्लाट फार्म हाउसों के मालिकों को नोटिस जारी किया गया हैं। आगे उनकी कार्रवाई अभी जारी हैं,जल्द ही इन सभी अवैध फ़ार्म हाउसों को तोड़ दिया जाएगा।
देखा गया हैं कि जब भी कोई इंसान इन अवैध फार्म हाउसों को देखने के लिए मौके पर जाता हैं तो सबसे पहले उसे गेट पर ही रोक दिया जाता हैं। फिर आप से पूछा जाएगा की आप यहां किस लिए आए हो,यदि आप यहां आए हैं तो किसके रिफ्रेंस से यहां आए हो, जब आप रिफ्रेंस वाले का नाम आप नहीं बताएंगें तो आपको अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। जब उनसे आप कहेंगें की फ़ार्म हाउस खरीदने के लिए आए हैं फिर गेट पर तैनात शख्स कंपनी के सेल्स मेन को इशारा करके बुलाता हैं। गेट पर जब उसे पूर्ण रूप से विश्वास हो जाता है कि ये लोग बाकई में फार्म हाउस खरीदने के उद्देश्य से यहां आए हैं, तो फिर आपको अपने साथ फार्म हाउस को दिखाने लिए अंदर ले जाएगा हैं।
फिर सेल्समेन फार्म हाउस को एक-एक करके दिखता हैं, जिसमें स्विंगपुल, विकसित की पार्क में हरे भरे हुए घास हैं जोकि आप (खरीदार) को लुभाता हैं। पूछने पर सेल्स मेन ने बताया कि ये जमीन एग्री कल्चर की जमीन हैं, इस की कीमत 3750 रूपए प्रति गज के हिसाब से हैं, यहां पर 1200 गज से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री हैं,जोकि दो कनाल से अधिक हैं, और आप यहां पर मकान बना कर रह सकतें हैं। सेल्स मेन ने सौदा करने पर कहा कि रेटों में थोड़ी बहुत कम होने की गुंजाइश हैं। पैसे का समय तीन महीने का हैं। इस जमीन की रजिस्ट्री फरीदाबाद के तिगांव की तहसील में किया जाएगा।
इस मामले में तहसीलदार अजय कुमार का कहना हैं कि सबसे पहले लोगों को यह बताना चाहूंगा की एग्रीकल्चर जमीन की रजिस्ट्री एक एकड़ से कम की नहीं होती हैं,जहां तक दो कनाल से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री करने की बात हैं,तो वह रजिस्ट्री उनके यहां बिल्कुल नहीं हो सकती हैं,डीटीपी इंफोर्स्मेंट विभाग द्वारा यदि एनओसी जारी करता हैं तो इन हालतों में वह दो कनाल से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री कर देते हैं। सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि एग्रीकल्चर की जमीनों पर सिर्फ खेतीबाड़ी किया जा सकता हैं। ना की अवैध तरीके से फ़ार्म हाउस की प्लाटिंग करके, फिर उसमें पार्क डेवलप कर, मकान बनाकर रहने लगेंगें । ये कानूनी तौर पर गलत हैं।
उनका ये भी कहना हैं कि यदि वह चाहेंगें भी तो एक एकड़ जमीन से कम जमीनों की रजिस्ट्री कर लें, तो उनका सॉफ्टवेयर एक्सेप्ट नहीं करेगा। यदि कोई शख्स कहता हैं कि दो कनाल से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री हो सकती हैं तो वह सफ़ेद झूठ बोल रहा हैं, जोकि ग्राहकों को ठगने के लिए ये उन्हें बताया जा रहा हैं। इस तरह से प्रदेश सरकार को करोड़ों रूपए के राजस्व का खुलेआम चुना लगाया जा रहा हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चाहिए निर्दोष लोगों की मेहनत की कमाई को लूटने और सरकार को मिलने वाले करोड़ों के राजस्व को डकारने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अवश्य करें। जब ये खबर”अथर्व न्यूज़” के पास आई थी, तो सबसे इस प्रॉपर्टी कारोबारी से फोन पर बात कर सही जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई पर वह अथर्व न्यूज़ के सवाल के सामने ठीक नहीं सका और कहने लगा की मैंने कोई फार्म हाउसों की प्लॉटिंग फरीदाबाद की गांव अमी पुर की जमीन पर की हैं, उसका प्रॉपर्टी का कारोबार नॉएडा में हैं। जब मौके पर जाकर मालूम किया गया तो उसका असल मालिक वहीँ था जो पहले मना कर रहा था। इसमें सरकार और प्रशासन को पूरे गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। और आम जनता को लूटने से बचाना चाहिए।
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