अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: कुपोषण दूर करने में मुख्य भूमिका निभाने वाली मिडे-डे-मील योजना में काम करने वाली सैकड़ों की तादाद में मिडे-डे-मील वर्करज ने जिला उपायुक्त कार्यालय पर जिला प्रधान कमलेश चौधरी की अध्यक्षता में धरना देकर हरियाणा सरकार व केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन के समझौते अनुसार तुरन्त प्रभाव से वेतन बढ़ौतरी की मांग की। उपायुक्त की गैर मौजूदगी में प्रधानमंत्री के नाम डीआरओ डा. नरेश कुमार का ज्ञापन सौंपा।
धरने को सम्बोधित करते हुए निरन्तर पाराशर जिला प्रधान व लाल बाबू शर्मा जिला महासचिव, सीआईटीयू ने कहा कि सरकार ने 5 सितम्बर को दिल्ली में लाखों की संख्या पहुंचे, किसानों, मजदूरों ने केन्द्र सरकार की चूल्हे हिलाकार रख दी। जिसके दवाब में केन्द्र की भाजपा सरकार ने, आंगनवाड़ी वर्करज व आशा वर्करों के वेतन में मामूली सी बढ़ौतरी तो कर दी लेकिन देश की 25 लाख से ज्यादा मिडे-डे-मील में कार्यरत महिलाओं के घोर अन्याय किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों के आठवीं कक्षा तक के लाखों बच्चों को दोपहर का भोजन साफ-सुथरा देकर को पोषण से बचाने का काम कर रही है।सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा जिला सहसचिव धर्मवीर वैष्णव ने बताया कि इस योजना में 95 प्रतिशत गरीब महिलायें काम करती है। जिसमें अधिक संख्या में विधवा महिलायें शामिल है। अभी तक इन्हें 100 प्रतिशत माह वो भी छह-सात माह के बाद दिया जाता है, जो ना काबिले बर्दाश्त है।
पांच-छह घंटे के काम करने के बाद 2013 में केन्द्र सरकार द्वारा 1000 रूपए प्रतिमाह वेतन में बढ़ौतरी का आश्वासन दिया था जिसे अभी तक लागू नहीं किया। जिससे मिडे-डे-मील वर्करजों मेंं काफी आक्रोश पनप रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें सभी मूलभूत सुविधा प्रदान करना, सरकार का दायित्व है। जैसे पहचान पत्र, जनश्री बीमा योजना लागू करना, किचन शैड़ बनाने, शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था, न्यूनतम वेतन देना आदि सुनिश्चित करना सरकार का काम है। अन्य के अलावा जिला कोषाध्यक्ष सुधापाल, सचिव सुनीता, मंजू, गीता, सुनीता, रूपवती, जॉकी, सुमन नंगला जोगियान, राधा, वृन्दा, मिथेलश के अलावा हुडा यूनियन के प्र्रधान खुर्शीद, सतीश कुमार, हवा सिंह, संजय, हरनाम आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।