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फरीदाबाद शिक्षा

फरीदाबाद: शताब्दी महाविद्यालय में दूरदर्शन के सुनहरे सफर की याद: 65वीं वर्षगांठ

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद:एनआईटी-3 स्थित डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में दूरदर्शन की 65वीं वर्षगांठ के अवसर पर दूरदर्शन के सुनहरे युग को याद करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। ‘रीमेबरिंग दी गोल्डन इरा ऑफ़ दूरदर्शन: ए नॉस्टेल्जिक जर्नी’  विषय के तहत दूरदर्शन की मशहूर एंकर प्रतिमा शर्मा मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुईं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दूरदर्शन के इतिहास, समयागत विकास, कार्यप्रणाली, उपलब्धियों के साथ-साथ दूरदर्शन और आकाशवाणी में जॉब व इंटर्नशिप के अवसरों को बताना रहा। इस अवसर पर महाविद्यालय की कार्यकारी प्रचार्या डॉ अर्चना भाटिया ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया। डॉ भाटिया ने मीडिया की सामाजिक भूमिका,निष्पक्षता व जवाबदेही के बारे में विस्तार से बताया. प्रतिमा शर्मा ने दूरदर्शन के साथ अपने 25 वर्ष के लम्बे अनुभव के दौरान जुडी खट्टी-मीठी यादों को साझा किया. उन्होंने बताया कि इसका नाम दूरदर्शन प्रख्यात कवि सुमित्रानंदन पंत द्वारा दिया गया, वहीं इसकी टैग लाइन ‘सत्यम शिवम सुंदरम” की रचना संगीतकार रवि शंकर और अहमद अली खान द्वारा की गई.प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने पेश किये गए चौदह लोगोज में से देवाशीष भट्टाचार्य के डिज़ाइन का चुनाव दूरदर्शन के प्रतिक चिन्ह के तौर पर किया था. एशियाई खेलों के दौरान इसका ब्लैक एंड व्हाइट की दुनिया से रंगीन दुनिया में अवतरण हुआ. प्रतिमा शर्मा ने पत्रकारिता विभाग के छात्रों को भाषा के उच्चारण में शुद्धता, विराम व शैली को दूरदर्शन पर प्रस्तुत किये गए कुछ कार्यक्रमों के अंशों का उदाहरण देकर समझाया. उन्होंने एक से ज्यादा भाषाओं का ज्ञान होने पर रोजगार के बेहतर अवसरों के बारे में भी बताया. दूरदर्शन में इंटर्नशिप के इच्छुक छात्रों को इसके लिए जरूरी योग्यता और आवेदन प्रक्रिया से भी अवगत कराया. इसके उपरांत छात्रों के विभिन्न प्रश्नों का माकूल जवाब मुख्य वक्ता द्वारा बड़े ही सलीके से पेश किया गया. इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के छात्रों द्वारा ‘वॉइस ऑफ़ डीएवी’ के नाम से बनाये गए न्यूज़ बुलेटिन को प्रस्तुत किया गया. प्रथम वर्ष की छात्रा मानवी सोलंकी ने गणेश वंदना पर एक मोहक नृत्य प्रस्तुति दी. प्रथम वर्ष के ही छात्र मयंक दास ने दूरदर्शन पर आने वाले संगीत कार्यक्रमों चित्रहार व रंगोली को गिटार के संगीत के साथ प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. अन्य छात्र प्रिंस सेठ ने भी एक मोनोएक्टिंग के माध्यम से दूरदर्शन द्वारा सामाजिक व मौलिक विकास को बताने का अनूठा प्रयास किया इस कार्यक्रम की संयोजिका रचना कसाना ने सभागार में उपस्थित मुख्य वक्ता, प्राचार्या, सभी शिक्षकों का धन्यवाद किया व पत्रकारिता विभाग के शिक्षकों के योगदान की सराहना की. इस अवसर पर एस.एफ.एस ओवरऑल कॉर्डिनेटर डॉ रुचि मल्होत्रा, पत्रकारिता विभाग से पीआरओ वीरेंद्र सिंह, कृतिका, राधिका के साथ सभी  विभागाध्यक्ष, शिक्षक व विभन्न विभागों से लगभग एक सौ पचास छात्र शामिल हुए।

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