अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए विकास तथा उन्नति से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा मातृ शक्ति उद्यमिता योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रदेशभर में प्रतिवर्ष 2 हजार महिला उद्यमियों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। डीसी ने बताया कि योजना के माध्यम से महिलाओं को कृषि, उद्योग, व्यापार के क्षेत्रों में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इस योजना का क्रियान्वयन हरियाणा महिला विकास निगम के माध्यम से किया जायेगा। महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 3 लाख रुपये तक आसान ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। इस योजना की पात्रता शर्तों में हरियाणा की उद्यमी महिला योजना का लाभ ले सकेंगी। जिनकी वार्षिक आय परिवार पहचान पत्र के आंकड़ों के आधार पर प्रमाणित 5 लाख रुपये से ज्यादा न हो। ऋण के लिए आवेदन के समय ऐसी उद्यमी महिलाओं की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा आवेदक पहले से लिये गए ऋण का डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए।
महिला विकास के जिला प्रबंधक देशराज ने बताया कि इस योजना के तहत समय पर किश्त का भुगतान करने पर 7 प्रतिशत ब्याज देना होगा। ऋण की अधिकतम सीमा 3 लाख रुपये है। उन्होंने आगे बताया कि योजना के तहत डेयरिंग, उद्योग विभाग की सूची में शामिल नकारात्मक गतिविधियों तथा केवीआईबी को छोडक़र अन्य सभी गतिविधियां शामिल है। इन गतिविधियों में यातायात वाहन के तहत ऑटो रिक्शा, छोटा सामान ढोने के वाहन, थ्री-व्हीलर, ई-रिक्सा, टैक्सी तथा वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए प्रयोग होने वाले दो पहिया वाहन, समुदाय, सामाजिक व व्यक्तिगत सेवा गतिविधियां के तहत शैलून, ब्यूटीपार्लर, जिम्रेजियम, बूटिक, टैलरिंग शॉप, ड्राइक्लीनिंग, साइकिल व मोटरसाइकिल मरम्मत शॉप, स्मॉल सर्विस फूड स्टॉल, डे टू डे कैटरिंग/कैंटीन सेवाएं, कोल्ड चैन वाहन, कोल्ड स्टोरेज, बर्फ बनाने की इकाई, आईसक्रीम, मैकिंग यूनिट, बिस्कुट, ब्रेड व बन बनाना शामिल है।
उन्होंने बताया कि कपड़ा उत्पाद सेक्टर के तहत हैंडलूम, ऑवरलूम, खादी गतिविधियां, चिकन वर्क, जरी एवं जरदोजी कार्य, परम्परागत कढ़ाई एवं हाथ का कार्य, पारम्परिक डाई व प्रिंटिंग, अपेयरल डिजाइन, बुनाई, कोटन जिनिंग, कम्प्यूटर आधारित कढ़ाई, सिलाई व अन्य कपड़े के उत्पाद जैसे थैले, वाहन एवं फर्निशिंग एस्सेसरी, व्यापारियों एवं दुकानदारों के लिए व्यापार लोन के तहत दुकान व व्यापार गतिविधियां चलाने के लिए वित्तीय सहायता,सूक्ष्म ईकाईयों के लिए उपकरण वित्त योजना के तहत सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने के लिए जरूरी मशीनरी व उपकरणों की खरीद तथा कृषि से जुड़ी गतिविधियां जैसे मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, मछली पकडऩा इत्यादि शामिल है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक निर्धारित दस्तावेज आवेदन के साथ जमा करवाने होंगे। इन दस्तावेजों में परिवार पहचान पत्र/परिवार आईडी, प्रोजेक्टर रिपोर्ट, अनुभव या प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र यदि है तो, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ आदि शामिल है। योजना का लाभ उठाने के लिए हरियाणा महिला विकास निगम की जिला प्रबंधक अथवा कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है।
फाइल फोटो:- डीसी जितेन्द्र यादव।