फरीदाबाद : पूर्व महापौर देवेंद्र व वीरेंद्र भड़ाना अपने ऊपर चल रहे धोखाधड़ी, जालसाजी के मुकदमें को वापिस लेने व अपने भाई नरेंद्र भड़ाना पर दवाव बनाने के लिए उसकी 18 वर्षीय बेटे दीपांशु पर तीन गोलियां चलाई थी जिसमें से दीपांशु को दो गोलियां उसकी जांध में लगी थी इनमें से एक गोली तो जांध के आर पार हो गई और दुसरी गोली जांध के बीच में फंस गई जिसे डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद बाहर निकाल दिया हैं। इस मामले में एनआईटी डीसीपी आस्था मोदी का कहना हैं कि इस प्रकरण में जो लोग भी आरोपी हैं उन्हें पकड़ने हेतु क्राइम ब्रांच की टीम पूरी तरह से लगी हुई हैं।
महिपाल भड़ाना का कहना हैं कि उन्होनें एक कंपनी के नाम तक़रीबन 12 एकड़ जमीन आनंदपुर गांव, सूरजकुंड में ख़रीदा था जिसमें कॉलेज बनना था जोकि बाद में कॉलेज बनना कैंसिल हो गया और बाद में उस जमीन को इन चारों भाइयों में बांट दिया। उनके चारों बेटों के नाम देवेंद्र, ज्ञानेंद्र, नरेंद्र, वीरेंद्र उर्फ़ बिट्टू हैं। इसमें से उनका लड़का नरेंद्र भड़ाना जोकि शराब पीने का आदि हैं, उसके हिस्से में तक़रीबन ढाई एकड़ जमीन हैं जिसकी कीमत कई करोड़ों में हैं। उनका कहना हैं कि नरेंद्र भड़ाना के पूरे परिवार की देखरेख वहीँ करते हैं। उसके परिवार में चार लोग हैं जिनमें दो पति-पत्नी व दो उसके बेटे हैं। इनमें से एक बेटा दीपांशु हैं जिसे बुधवार की रात देवेंद्र भड़ाना, वीरेंद्र व उसके साथियों ने गोली दी थी। उनका कहना हैं कि देवेंद्र भड़ाना बहुत शातिर दिमाग का आदमी हैं उसने अपने भाई नरेंद्र भड़ाना को शराब पीला -पीला कर उसकी ढाई एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली और कागजों में 50 लाख रुपया देना चढ़ा दिया जबकि उसने नरेंद्र भड़ाना को एक रुपया तक नहीं दिया। उनका कहना हैं कि जब उनके जानकारी में यह बातें आई तो उन्होनें देवेंद्र भड़ाना व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी , जालसाजी के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया जोकि आर्थिक अपराध शाखा में अब भी जांच चल रहा हैं।