अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:मानव रचना शैक्षणिक संस्थान में फैकल्टी ऑफ बिहेवरल एंड सोशल साइंसिस की ओर से ‘स्वयं सिद्ध’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दूसरे दिन सामाजिक न्याय आधिकारिता राज्य मंत्री विजय सांपला ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के प्रधान प्रशांत भल्ला, संस्थान की चीफ पैटरन सत्या भल्ला, MRIIRS के वाइस चांसलर डॉ. एनसी वाधवा, रिसर्च एंड डॉक्ट्रल प्रोग्राम के चेयरपर्सन डॉ. एनके चड्ढा, फैकल्टी ऑफ बिहेवरल एंड सेशल साइंसिस की डीन डॉ. छवि भार्गव, वैश इंटरनेशनल फेडेरेशन के प्रेजिडेंट सत्या भूषण जैन समेत कई वरिष्ठ अतिथि मौजूद रहे।
इस मौके पर MREI के प्रधान प्रशांत भल्ला ने कहा कि, महिलाओं के उत्थान से ही समाज का विकास होता था। मानव रचना हमेशा से ही महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए काम करता है। उन्होंने इस मौके पर मोहना गांव का भी जिक्र किया। आपको बता दें, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान ने मोहना गांव को गोद लिया हुआ है, और गांव में स्थित छात्राओं के सरकारी स्कूल को संस्थान की ओर से हर जरूरी सुविधाएं दी जाती हैं। यहां मौजूद MRIIRS के वाइस चांसलर डॉ. एनसी वाधवा ने कहा कि, मानव रचना हर दिन महिलाओं के कल्याण के लिए काम करता है। हर महिला की ओर से समाज में दिए गए योगदान की हम सराहना करते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमओएस विजय सांपला ने इस मौके कहा कि, महिलाओं का समाज में बहुत बड़ा योगदान है, हर परिवार महिला के बिना अधूरा है, एक महिला, बहन, मां, पत्नी का किरदार निभाती है। यहां उन्होंने देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताई और समाज में हो रही कुरीतियों को बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि, यूनिवर्सिटी में ही छात्रों का भविष्य तय किया जाता है, इसलिए शिक्षकों को छात्रों पर काफी ध्यान देना चाहिए।इस कार्यक्रम के दौरान ‘काउंसलिंग स्किल्स’ किताब का भी विमोचन किया गया। इस किताब को मानव रचना के रिसर्च एंड डॉक्ट्रल प्रोग्राम के चेयरपर्सन डॉ. एनके चड्ढा, दिल्ली यूनिवर्सिटी की डॉ. सलमा सेठ और डॉ. हरप्रीत भाटिया ने लिखा है।
आपको बतादें,कार्यक्रम के पहले दिन तीन कार्यशालाओं का आयोजन किया गया जिसके तहत, पहली कार्यशाला में दलाई लामा की संस्था WISCOM की ओर से लैंगिक समानता को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें संस्थान की ओर से डॉ. अंजलि भाटिया ने लैंगिक समानता को लेकर अपने विचार रखे। दूसरी कार्यशाला में कार्यस्थल पर महिलाओं के हो रहे शोषण को लेकर #MeToo वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और फैकल्टी ऑफ बिहेवरल एंड सेशल साइंसिस की डीन डॉ. छवि भार्गव ने की। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं, तीसरी कार्यशाला में दिल्ली यूनिवर्सिटी की साइकॉलोजी की प्रोफेसर और जानी-मानीं चाइल्ड साइकोलोजिस्ट डॉ. रेणू किशोर ने पेरेंटिंग स्किल्स पर बात की।