अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को ‘नेशनल इमर्जिंग यूनिवर्सिटी अवार्ड’ से नवाजा गया है। सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा ने कुलपति डॉ. राज नेहरू को यह सम्मान प्रदान किया। भागीदारी जन सहयोग समिति द्वारा दिल्ली में आयोजित इस समारोह में शिक्षा और न्याय के क्षेत्र की कई बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं। शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय श्रेणी में यह पुरस्कार मिला है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस पुरस्कार के लिए भागीदारी जन सहयोग समिति के प्रति कृतज्ञता जताई है।
उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने दोहरी शिक्षा प्रणाली के मॉडल को विकसित किया है। इसके माध्यम से न केवल नवाचार हो रहा है, बल्कि कौशल आधारित अन्वेषण को भी बढ़ावा मिला है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि कौशल शिक्षा के माध्यम से बेरोजगारी की चुनौती से पार पाना हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य है और उसमें हमें सफलता भी मिल रही है। देश के दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के सामने बेहतर विकल्प और अवधारणा प्रस्तुत करना हमारा उद्देश्य है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल पर चल कर दूसरे संस्थान भी युवाओं को जॉब रेडी बना सकते हैं। उन्होंने कहा प्रगति और उपलब्धियों के सफर में इस तरह के पुरस्कार प्रोत्साहन का काम करते हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को यह पुरस्कार देने के लिए कुलपति डॉ. राज नेहरू ने भागीदारी जन सहयोग समिति के मुख्य संस्थापक एवं गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर के. के. अग्रवाल, संरक्षक डॉ. राजेंद्र धर और महा सचिव विजय गौड़ सहित सभी पदाधिकारियों का आभार जताया। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को यह पुरस्कार मिलने पर कुल सचिव प्रोफेसर ज्योति राणा, डीन एकेडमिक्स अफेयर्स प्रोफेसर आर एस राठौड़, डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव और परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर निर्मल सिंह सहित विभिन्न अधिकारियों ने बधाई दी और विश्वविद्यालय को और नए मुकाम पर ले जाने का संकल्प दोहराया।
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