अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आज एक ज्ञानवर्धक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। ‘बायोमेडिसिन, ऊर्जा-संबंधी अनुप्रयोगों, सेंसर और एक्ट्यूएटर्स के लिए स्मार्ट पोलिमेरिक सामग्री’ विषय पर व्याख्यान को स्पेन के लेओआ में बास्क सेंटर फॉर मैटेरियल्स के वरिष्ठ अनुसंधान सहयोगी डॉ. एंड्री वी. शिबाएव ने संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. रवि कुमार द्वारा अतिथि वक्ता के स्वागत तथा उनके संक्षिप्त परिचय के साथ हुई। इसके बाद डॉ. एंड्री ने सर्फेक्टेंट के विस्कोइलास्टिक व्यवहार, पॉलिमर चेन उलझाव की भूमिका, नैनो-जेल के स्व-उपचार गुणों और पॉलिमर कंपोजिट और आयनिक तरल पदार्थों के न्यूट्रॉन बिखराव पर गहन चर्चा करते हुए प्रतिभागियों को विषय वस्तु के साथ जोड़ा। कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने अपने संदेश में सामग्री विज्ञान के क्षेत्र में ‘स्मार्ट’ पॉलिमर के महत्व पर बल दिया। उन्होंने उन्नत सामग्रियों के लिए बायो डिग्रेडेबिलिटी, ग्रीन सिंथेटिक प्रोसेसिंग और अपशिष्ट प्रबंधन मुद्दों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रो. तोमर ने बताया कि प्लास्टिक कचरे की चुनौती विज्ञान और समाज दोनों की सामूहिक विफलता है,और पाठ्यपुस्तक सिद्धांत से लेकर व्यावहारिक दैनिक जीवन के अनुप्रयोगों तक पॉलिमर की बायो डिग्रेडेबिलिटी प्राप्त करने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से ऑप्टिकल ट्रैकिंग के संबंध में बायोमेडिसिन में पॉलिमर के उभरते महत्व पर भी बल दिया। डॉ. अनुराग प्रकाश और डॉ. सुनील कुमार ने कार्यक्रम का संयोजन किया। अपने समापन संबोधन में डॉ. सुनील कुमार ने आमंत्रित वक्ता, प्रतिभागियों और विशेष रूप से कुलपति प्रो. तोमर और कुलसचिव डॉ. मेहा शर्मा को कार्यक्रम के संचालन में उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। सेमिनार में लगभग 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। डॉ. रवि कुमार ने डॉ. एंड्री के विश्वविद्यालय दौरे और सामग्री अनुप्रयोगों को लेकर अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए उनकी सराहना की।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments